बारिश, जलभराव और जाम
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : बारिश के बाद दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेस-वे स्थित हीरो होंडा चौक पर जलभरा
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : बारिश के बाद दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेस-वे स्थित हीरो होंडा चौक पर जलभराव और फिर जाम लगना कई वर्षो की समस्या है। हर बार प्रशासन और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) स्थायी समाधान निकालने का वादा करते हैं, फिर सभी गहरी नींद में सो जाते हैं। हद तो यह है गत महीने 28 जुलाई को महाजाम के बाद पूरी दुनिया में गुड़गांव का नाम खराब करने के बाद भी नहीं चेते।
सोमवार हुई बारिश के बाद जलभराव की जो स्थिति थी, यदि पुलिस सक्रिय नहीं रहती तो इस बार भी महाजाम की स्थिति का लोगों को सामना करना पड़ता। देश और दुनिया में एक बार फिर गुड़गांव का जिक्र गलत वजह से होता पर अधिकारियों को इस बात की तनिक भी चिंता नहीं। यही वजह रही कि लोगों ने सोशल साइट पर पुलिस कर्मियों की सक्रियता की तारीफ कर प्रशासन पर भड़ास निकाली।
हालात और उपाय
एक्सप्रेस-वे स्थित हीरो होंडा चौक काफी नीचा इलाका है। इस वजह से आसपास के इलाके का पानी आ जाता है। पानी जमा न हो इसके लिए बादशाहपुर ड्रेन एवं खांडसा ड्रेन की चौड़ाई बढ़ाने की आवश्यकता है या गहराई बढ़ाने की आवश्यकता है। साथ ही हीरो होंडा चौक के नजदीक सड़क को कुछ उठाना होगा। एक्सप्रेस-वे पर जगह-जगह पुलिया बने हुए हैं। उनपर कहीं अतिक्रमण है तो कहीं गाद जमी हुई है। जब भी जलजमाव होता है तो इन विषयों पर तेजी से काम करने की बात की जाती है लेकिन जैसे ही जलजमाव खत्म होता है, सभी भूल जाते हैं। इस वजह पिछली बार महाजाम की वजह से पूरी दुनिया में साइबर सिटी की किरकिरी हुई।
मुख्यमंत्री का भी असर नहीं
पिछले महीने 28 जुलाई को महाजाम के बाद मुख्यमंत्री ने गुड़गांव का दौरा किया था। दौरे के दौरान उन्होंने जलनिकासी के ऊपर गंभीरता से ध्यान देने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी कोई असर नहीं दिखा। सोमवार को कुछ ही देर की मूसलाधार बारिश में हीरो होंडा चौक सहित शहर के कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई।
केवल 44 एमएम बारिश हुई
सोमवार को केवल 44 एमएम बारिश हुई। इसी में शहर पानी-पानी हो गया। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर में जलनिकासी की क्या स्थिति है। गत महीने 28 जुलाई को 50 एमएम बारिश हुई थी। 28 जुलाई को कुछ ही देर में 50 एमएम बारिश हुई थी। इस बार दो से तीन घंटे के दौरान 44 एमएम बारिश हुई।
महाजाम के बाद से काफी ध्यान दिया गया है। बारिश होते ही एक साथ 20 से अधिक मोटर चला दी गई। जलजमाव की समस्या का स्थायी समाधान खांडसा ड्रेन की चौड़ाई या गहराई बढ़ाना ही है। इसके ऊपर ध्यान दिया जा रहा है। एक्सप्रेस-वे की पुलियाओं पर से अतिक्रमण हटाने के साथ ही गाद निकालने के ऊपर गंभीरता से ध्यान दिया जाएगा। वैसे इस बार ट्रैफिक जाम नहीं हुआ है। वाहनों की रफ्तार कम हो गई थी। इस बार पुलिस ने काफी सक्रियता दिखाई।
- एके शर्मा, निदेशक (प्रोजेक्ट) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण।