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जागरण आपके द्वार - पालम विहार

शहर में कालोनाइजरों द्वारा विकसित टाउनशिप की व्यथा शहर के दूसरे हिस्सों से अलग है। उन्हें अपने सीवे

By Edited By: Published: Sun, 26 Jun 2016 06:21 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2016 06:21 PM (IST)

शहर में कालोनाइजरों द्वारा विकसित टाउनशिप की व्यथा शहर के दूसरे हिस्सों से अलग है। उन्हें अपने सीवेज, सड़क, पानी, बिजली, सुरक्षा, सौंदर्यीकरण आदि रखरखाव अपने खर्च पर करना पड़ता है। शहर के अधिसंख्य कालोनाइजर इलाकों में लोगों से पैसे लेकर यह काम बिल्डर प्रबंधन कर रहे हैं। एक ओर लोग नगर निगम को हाउस टैक्स दे रहे हैं तो दूसरी ओर बिल्डर प्रबंधन को बुनियादी सुविधाएं बनाए रखने के लिए मोटी रकम देनी पड़ रही है। हालांकि लगभग 675 एकड़ में स्थित 33 हजार की आबादी समेटे पालम विहार के लोगों ने करीब दो साल पहले बिल्डर प्रबंधन से लड़ कर अपने हाथ में रखरखाव लिया है, मगर जो सामुदायिक भवन और इंफ्रास्ट्रक्चर की जो सुविधाएं बिल्डर को देनी थी, उसमें नियमों पर सख्ती प्रशासन नहीं दिखा पाया है। अंसल द्वारा विकसित प्लॉटेड कालोनी पालम विहार में देश के कई नामचीन हस्तियों ने अपना निवास बनाया है। करगिल युद्ध भारत की जीत दिलाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल मो¨हदर पुरी, पुड्डुचेरी, अंडमान निकोबार और मिजोरम के गर्वनर रह चुके लेफ्टिनेंट जनरल एमएम लखेरा, प्रसिद्ध साहित्यकार स्व. महीप सिंह, जाने-माने पत्रकार एमजे अकबर, वरिष्ठ साहित्यकार सीके पांडेय निशांतकेतु, चंद्रकांता, आदि के अलावा कई सेना और प्रशासन के प्रमुख पदों पर रह चुके लोग व्यवसायी, उद्योगपति प्रमुख साहित्यकार आदि शामिल हैं। जागरण आपके द्वार कार्यक्रम के तहत रविवार को पालम विहार पहुंची जागरण टीम के सामने लोगों ने शहर के हिस्से की कई दिक्कतों से रूबरू कराया। प्रस्तुत है जागरण संवाददाता पूनम की रिपोर्ट

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पालम विहार का इतिहास

पालम विहार नए गुड़गांव की सबसे पुरानी कालोनी में शुमार है। 1984 में यह टाउनशिप शुरू की गई थी। दिल्ली बार्डर के पास होने ओर हरा-भरा होने के कारण देश के प्रमुख पदों पर रह चुके लोगों ने इसे चुना। पालम विहार 13 ब्लॉक में विभक्त द्वारा प्लॉटेड टाउनशिप के साथ कुछ सेलिब्रेटीर बेस्टेक आदि मल्टीस्टोरी सोसायटियों को भी समेटे हैं।

प्रमुख समस्याएं

बारिश में जल भराव

बरसात के समय निचले हिस्से में होने के कारण सिकंदरपुर और शिकोहपुर ड्रेन के अलावा सी टू ब्लॉक के नाले का पानी यहां जमा हो जाता है। नाले से शहर की ओर से आने वाला पानी पालम विहार में जल भराव की स्थिति पैदा कर देता है।

सामुदायिक भवन का अभाव

पालम विहार में तीन सामुदायिक भवन की जगह योजना में है। एक सामुदायिक भवन इलाके से दूर रेलवे स्टेशन की ओर है। एक अन्य को क्लब बनाया गया हैं, लोगों के अनुसार उसे किसी निजी हाथों में बेचने की तैयारी में है जबकि यह लोगों के लिए कम्यूनिटी बिल्डिंग के तौर चिन्हित है।

मार्केट में अतिक्रमण

पालम विहार के व्यापार केंद्र में अतिक्रमण के कारण लोगों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है। फुटपाथ और खाली जगहों पर रेहड़ियों का कब्जा है।

खराब सड़कें फुटपाथ पर अतिक्रमण

पालम विहार सेक्टर एक, दो और तीन में बसा है। सेक्टर रोड की हालत बहुत खराब है। फुटपाथ पर अतिक्रमण के कारण लोग चल नहीं पाते, कई घरों ने भी फुटपाथ पर अतिक्रमण किया है।

आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों ने कहा

हमारे मेपल क्लब को निजी बेचने की तैयारी है। जबकि एक आरटीआई के अनुसार टाउनशिप की योजना में यह सामुदायिक बिल्डिंग है और लोगों की होनी चाहिए। स्कूल की जमीन ट्रस्ट के नाम पर ली गई। ट्रस्ट का स्कूल खुला और अब उसे एक बड़े निजी स्कूल को बेच दिया गया है। एक क्लब को एक ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के भीतर बनाकर बेच दिया गया है। एक सड़क का हिस्सा पक्क ा नहीं किया जा रहा है। हमलोग खुद से पैसे एकत्र कर सड़क, सीवेज, पानी, बिजली, पार्क आदि मेंटनेंस कर रहे हैं।

- सुनील यादव, आरडब्ल्यूए अध्यक्ष।

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पूर्व पुलिस कमिश्नर आलोक मित्तल ने पालम विहार में पुलिस की तीन बीट बूथ के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाए गए थे। मगर वहां अब कोई पुलिस कर्मी नहीं होता। आरडब्ल्यूए अपने खर्चे पर मोटरसाइकिल, पेट्रोल और सेक्यूरिटी अफसर देने को तैयार है मगर कार्रवाई नहीं हो रही है। स्थानीय एसएचओ सहयोग करते हैं मगर उनके पास स्टाफ की कमी है। सुरक्षा संबंधी बहुत दिक्कत हमें आती है और इस समस्या का हल पुलिस कमिश्नर के पास है।

- यशपाल शर्मा, आरडब्ल्यूए उपाध्यक्ष।

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जन प्रतिनिधि ने कहा

पालम विहार में स्वच्छता अभियान पर मैं काम करता रहा हूं। लोगों ने बहुत सहयोग दिया है। लोगों को वेस्ट सेग्रिगेशन के लिए प्रेरित किया है। आगे कूड़ा प्रबंधन के वैज्ञानिक तरीके अपनाएंगे। स्पेनिश कोर्ट के सामने रेड लाइट और सेक्टर पांच से पालम विहार आने वली सड़क के लिए एस्टीमेट बना है, इसके जाम की समस्या का समाधान निकलेगा।

- परमिंदर कटारिया डिप्टी मेयर

अधिकारी बोले।

पालम विहार को जब नगर निगम टेकओवर कर लेगा, तब सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। प्रशासन को उच्च कोटी की सुविधाएं देने के लिए पैसों की जरूरत होगी। निजी कालोनी के लोग रखरखाव की राशि प्रशासन के उपलब्ध कराएं तो बेहतर सुविधाएं और सेवाएं मिल सकती है। नहीं तो पुराने शहर के निगम क्षेत्र जैसी सुविधा तो दी ही जाएगी।

- टीएल सत्य प्रकाश, उपायुक्त गुड़गांव।

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जनता की आवाज

बुजुर्गो के लिए इलाके में फु टपाथ की बड़ी समस्या है। सड़क के किनारे अवैध कब्जे के कारण ऐसी परेशानी आ रही है। सुरक्षा एक बहुत बड़ा मुद्दा है। पुलिस पेट्रोलिंग बढ़नी चाहिए। अकेले बुजुर्गो के काफी परेशानी आती है।

-हरीश खुराना, अध्यक्ष सीनियर सिटीजन एसोसिएशन।

पीडब्ल्यूडी ने सेक्टर सड़कों का निर्माण नहीं कराती। जिस तरह हुडा सेक्टर हैं उधर ग्रीन बेल्ट फेंसिंग की जा रही है, दूसरी ओर छोड़ दिया गया है। आरडब्ल्यूए संगठन लोगों के साथ मिलकर 35 लाख रुपए खर्च कर खुद फेंसिंग करा रहा है जबकि यह हुडा का काम है।

- अनिल यादव।

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दो साल पहले उपायुक्त को घरों के बहार अतिक्रमण को लेकर पत्र लिखा गया मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। लोगों के पास चलने के लिए जगह नहीं है। स्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर बनाकर कब्जे किए गए हैं।

- रवि भाटिया।

व्यापार केंद्र पर बहुत दिक्कत आती है। पूरे व्यापार केंद्र में अतिक्रमणकारी काबिज है। कम्यूनिटी बिल्डिंग हमें मिलनी चाहिए।

- एनडी चोपड़ा

रेलवे स्टेशन के लिए रेलवे से एप्रूवल के बावजूद प्लेटफार्म बनाने के खर्च कारण यहां के हॉल्ट का निर्माण नहीं हो पा रहा है। स्थानीय प्रशासन अगर मदद करे तो स्टेशन बन जाएगा। पहले यहां लोकल ट्रेन रूकने के लिए एक स्टेशन था। उससे हमें दिल्ली जाने में आसानी होती थी। उस हॉल्ट को फिर चालू किया जाना चाहिए। पहले यह कार्टरपुरी स्टेशन था जिसे पालम विहार के नाम से शुरू किया जाए।

- ओम प्रकाश।

सराय गांव से सी टू ब्लॉक को जोड़ने वाले रास्ते को पक्का किया जाना चाहिए। बीच में करीब 250 मीटर की जमीन हुडा ने अधिग्रहित कर ली है मगर सड़क नहीं बन रही है।

- बीके नागपाल।

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सूअर एक बड़ी समस्या है। कई बार लिखा गया है। जिन लोगों के सूअर हैं, वही एमसीजी में पकड़ने वाले भी है। उनकी संख्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, लोगों को बहुत परेशानी आ रही है।

- अशोक सेठी।

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कृष्णा चौक पर जाम बहुत बड़ी समस्या है। जब भारती अरोड़ा ट्रैफिक डीसीपी थी तभी वहां रेड लाइट लगाने के लिए कहा था मगर अब तक रेड लाइट नहीं लगाई गई। यहां बने निजी मॉल का पिछला गेट टाउनशिप की ओर है, वहां गाड़ियां पार्क कर दी जाती है। देर रात बहुत सारे असामाजिक तत्व बैठते हैं।

- आरडी वशिष्ठ।

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सुरक्षा की खासी परेशानी है। पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाई जानी चाहिए। अतिक्रमण हटाकर लोगों के पैदल चलने की जगह बनाई जाए।

- प्रकाश राम।

जागरण सुझाव

- सेक्टर सड़कों को दुरुस्त किया जाए

-महंगे क्लब की जगह सामुदायिक भवन का प्रयोग निवासियों के लिए बनाया जाए ऐसी व्यवस्था हो।

-जल भराव से रोकने के लिए ड्रेन लाइन साफ कर नालों को पक्का किया जाए

- सुरक्षा के लिए पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए।


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