Move to Jagran APP

पैकेज स्टोरी : आंधी से 76 गांवों में पूरी तरह ब्लैक आउट

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : बुधवार शाम को आई आंधी ने बिजली आपूर्ति व्यवस्था की कमर तोड़ कर रख दी है। 7

By Edited By: Published: Thu, 26 May 2016 06:19 PM (IST)Updated: Thu, 26 May 2016 06:19 PM (IST)

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : बुधवार शाम को आई आंधी ने बिजली आपूर्ति व्यवस्था की कमर तोड़ कर रख दी है। 76 गांवों में बिजली सिस्टम पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है। सबसे अधिक नुकसान पटौदी इलाके में हुआ है। आंधी इतनी तेज थी कि बिजली के खंभे जड़ से उखड़ गए।

loksabha election banner

आंधी का विशेष असर ग्रामीण क्षेत्रों में दिखा। कुल 550 बिजली के खंभे टूट गए एवं 66 ट्रांसफार्मर नीचे गिर गए। बिजली निगम के पटौदी सब डिवीजन में सबसे अधिक 300 खंभे टूटे एवं 40 ट्रांसफार्मर गिर गए। मानेसर सब डिवीजन में 60 खंभे टूट गए जबकि 10 ट्रांसफार्मर गिर गए। बोहड़ाकलां सब डिवीजन में 95 खंभे टूटे 10 ट्रांसफार्मर गिर गए। फरुखनगर सब डिवीजन में 115 बिजली के खंभे टूट गए एवं 6 ट्रांसफार्मर गिर गए।

76 गांवों में पूरी तरह ब्लैक आउट

बिजली सिस्टम ध्वस्त होने की वजह से 76 गांवों में बिजली आपूर्ति पूरी तरह बंद हो चुकी है। व्यवस्था पटरी पर आने में कम से कम तीन से चार दिन लगेंगे। पटौदी सब डिवीजन के अंतर्गत 60 गांव, मानेसर सब डिवीजन के अंतर्गत पांच गांव, बोहड़ाकलां सब डिवीजन के अंतर्गत सात गांव एवं फरुखनगर सब डिवीजन के अंतर्गत चार गांव की बिजली पूरी तरह बंद हो गई है। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के अधीक्षण अभियंता संजीव चोपड़ा ने हिसार मुख्यालय के पास पूरी रिपोर्ट भेज दी है। साथ ही जल्द से जल्द बिजली आपूर्ति व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए खंभों की मांग की है।

लोगों को परेशानी, निगम को नुकसान

आंधी से जहां लोगों को भारी परेशानी हुई है वहीं बिजली निगम को करोड़ों का नुकसान हो चुका है। एक खंभे की कीमत (खड़ा करने तक) औसतन तीन हजार रुपये पड़ती है। इस हिसाब से 16 लाख 50 हजार रुपये का नुकसान हो चुका है वहीं ट्रांसफार्मर की औसतन कीमत (लगाने तक) डेढ़ लाख रुपये आती है। इस हिसाब से 99 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। लाइनों को खींचने से लेकर अन्य कार्यो के ऊपर भी लाखों रुपये खर्च होंगे।

20 लाख यूनिट से कम आपूर्ति

सिस्टम ध्वस्त होने की वजह से बुधवार को लगभग 20 लाख यूनिट कम बिजली आपूर्ति हो सकी। बुधवार को केवल दो करोड़ पांच लाख यूनिट ही बिजली आपूर्ति की गई जबकि डिमांड मौसम बदलने के बाद भी दो करोड़ 25 लाख यूनिट से अधिक है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि निगम को कितने करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।

.................

''आंधी से भारी तबाही हुई है। फिर से सिस्टम को पूरी तरह पटरी पर लाने में कम से कम तीन से चार दिन लगेंगे ही। प्रयास किया जा रहा है कि कम से कम पहले पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बिजली की व्यवस्था कर दी जाए। सभी सरपंचों से सहयोग मांगा गया है। सभी सहयोग कर भी रहे हैं। सभी ने अपनी आंखों से तबाही देखी है।''

- शिवराज सिंह, कार्यकारी अभियंता, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (मानेसर डिवीजन)।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.