मानवरहित फाटक पर ट्रेन से टकराई कार, पिता-पुत्र की मौत
संवाद सहयोगी, पटौदी (गुड़गांव) : अपनी मंजिल पर पहुंचने की जल्दबाजी रविवार को एक पिता-पुत्र के लिए मौत
संवाद सहयोगी, पटौदी (गुड़गांव) : अपनी मंजिल पर पहुंचने की जल्दबाजी रविवार को एक पिता-पुत्र के लिए मौत का कारण बन गई। गांव पहाड़ी में एक मानव रहित फाटक पर ट्रेन की चपेट में आई कार में बैठे पिता और उसके 8 वर्षीय पुत्र की दर्दनाक मौत हो गई। हादसा इतना भयानक था कि चालक के इमरजेंसी ब्रेक लगाने के बाबजूद सेंट्रो कार ट्रेन के इंजन के आगे लगभग चार सौ मीटर तक घिसटती चली गई। दुर्घटना के बाद स्थानीय निवासियों ने बहुत देर तक घटनास्थल पर हंगामा किया।
बिलासपुर खुर्द निवासी रविंद्र पुत्र बलवान अपनी सेंट्रो कार में सवार होकर अपने आठ वर्षीय पुत्र आयुष के साथ पत्नी को ससुराल से लेने ढोकी गांव जा रहा था। पहाड़ी गांव स्थित मानव रहित फाटक पर उसकी कार लगभग दोपहर सवा बारह बजे रेवाड़ी की तरफ से आ रही 09725 जयपुर-दिल्ली समर स्पेशल ट्रेन के सामने आकर टकरा गई। टक्कर इतनी भयानक थी कि कार के परखचे उड़ गए। हादसे में कार सवार पिता पुत्र की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। ट्रेन के चालक प्रदीप का कहना है कि फाटक पर कोई रेल मित्र अथवा गैंगमैन नहीं था।
भड़क उठे दुर्घटना से लोग
दुर्घटना के बाद भारी संख्या में लोगों ने वहां पहुंचकर हंगामा किया। उनका कहना था कि इस फाटक पर तैनात रेल मित्र अपनी ड्यूटी ठीक से नहीं देते हैं। ट्रेन आने पर न वाहन चालकों को आगाह करते है न ही ड्यूटी पर हर समय मौजूद रहते है। पुलिस ने किसी तरह कार को पटरी से हटवाने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
साढ़े चार घंटे तक फंसी रही ट्रेन
हादसे में ट्रेन के इंजन का भी अगला बंपर नीचे मुड़ गया। बाद में दूसरा इंजन मंगाकर ट्रेन को रवाना किया गया। इस चक्कर में ट्रेन साढ़े चार घटे तक घटनास्थल पर खड़ी रही। इससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। साथ ही लाइन क्लीयर न होने से कुछ अन्य गाड़िया भी विभिन्न स्टेशनों पर खड़ी रहीं। इधर, जीआरपी के थाना प्रबंधक अरविंद का कहना है कि लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।