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बेकार हो जाएंगे अरबों के स्टांप पेपर

आदित्य राज, गुड़गांव : जिले में एक मई से ई-स्टांपिंग की सुविधा उपलब्ध होने के साथ ही अरबों रुपये के स

By Edited By: Published: Sat, 30 Apr 2016 01:01 AM (IST)Updated: Sat, 30 Apr 2016 01:01 AM (IST)
बेकार हो जाएंगे अरबों के स्टांप पेपर

आदित्य राज, गुड़गांव : जिले में एक मई से ई-स्टांपिंग की सुविधा उपलब्ध होने के साथ ही अरबों रुपये के स्टांप पेपर बेकार हो जाएंगे। प्रदेश सरकार ने गुरुवार को गुड़गांव सहित फरीदाबाद, सोनीपत एवं पंचकूला में ई-स्टांपिंग सिस्टम अनिवार्य कर दिया है।

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अब बैंकों के माध्यम, ट्रेजरी के माध्यम से या स्टांप वेंडरों के माध्यम से स्टांप पेपर प्राप्त नहीं किए जा सकेंगे। प्रदेश सरकार ने सिस्टम अनिवार्य कर दिया। लेकिन जो स्टॉक जिलों में हैं उसका क्या होगा। क्या दूसरे जिलों में भेजे जाएंगे? जहां पर ई-स्टापिंग सिस्टम अभी लागू नहीं है। गुड़गांव में अरबों रुपये के स्टांप पेपर स्टाक में हैं।

स्टॉक में उपलब्ध स्टांप पेपर

रुपये : स्टांप पेपरों की संख्या

100 : 128500

500 : 53200

1000 : 708200

5000 : 91000

10000 : 75000

15000 : 74000

20000 : 73000

25000 : 42000

(इसी तरह 10 एवं 50 रुपये के लाखों स्टांप पेपर स्टॉक में हैं)

हर महीने एक अरब रुपये से अधिक राजस्व

जिले में स्टांप पेपरों की बिक्री से प्रदेश सरकार को हर महीने एक अरब रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त होता है। हर महीने राजस्व का आंकड़ा बढ़ रहा है। यह स्थिति तब है जब प्रापर्टी का कारोबार काफी मंदा चल रहा है।

महीना : राजस्व

जनवरी : 1,14, 52,63,918

फरवरी : 1,36,89,47,683

मार्च : 1,96,07,21,060

सरकार को होगी भारी बचत

प्रदेश सरकार को करोड़ों रुपये की बचत होगी। स्टांप पेपरों की छपाई, ढुलाई एवं रखरखाव के नाम पर होने वाले खर्चो से छुटकारा मिलेगा। यही नहीं स्टाप पेपरों में दीमक न लगे इसके लिए कई प्रकार की दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है। यह भी बचत होगी।

ई-स्टांपिंग से लगेगी लगाम

सूत्र बताते हैं कि कुछ स्टांप वेंडर ऊपरी कमाई करते थे। बैंक डेट में स्टांप पेपर दिखा देते थे। एग्रीमेंट सहित कई मामलों में बैंक डेट में स्टांप पेपरों के उपयोग के मामले सामने आ चुके हैं। एफिडेविट बनाने में भी कई बार बैंक डेट में स्टांप पेपरों को दिखाने की शिकायत सामने आ चुकी हैं। बताया जाता है कि कुछ स्टांप वेंडर नकली रजिस्टर तैयार कर लेते थे। उस पर बिक्री दिखाकर बाद में रजिस्टर को ही गायब कर देते थे।

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''ई-स्टांपिंग सिस्टम से लोगों को काफी लाभ होगा। नेट बैंकिंग के माध्यम से आसानी से स्टांप पेपर निकाला जा सकेगा। हां जो स्टांप पेपर स्टॉक में हैं, उनके बारे में अभी कोई आदेश नहीं आया है। यदि इसका उपयोग दूसरे जिलों में नहीं किया गया फिर सभी बेकार हो जाएंगे। स्टांप पेपरों के रखरखाव के ऊपर काफी ध्यान पड़ता था। ई-स्टापिंग सिस्टम से रखरखाव का झंझट दूर हो जाएगा।''

- सत्यवीर सिंह भटौटिया, डिस्ट्रिक्ट ट्रेजरी आफिसर, गुड़गांव।


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