सर्दी में ज्यादा सावधानी बरतें बुजुर्ग: डा. नवीन
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : सर्दी के मौसम को हेल्दी सीजन माना जाता है, लेकिन सर्दी में ही बुजुर्गो को
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : सर्दी के मौसम को हेल्दी सीजन माना जाता है, लेकिन सर्दी में ही बुजुर्गो को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।
जिला नागरिक अस्पताल में फिजिशियन डा.नवीन कुमार का कहना है कि सर्दी में विटामिन-डी, दमा मरीज को खतरा, फ्लू, चिलब्लेन, हार्ट संबंधित खतरा, हाईपोथार्मिया आदि बीमारियों का बुजुर्ग लोगों के लिए सबसे ज्यादा खतरा रहता है। इसके लिए बचाव व डाक्टर से समय पर सलाह लेना चाहिए।
विटामिन डी की कमी
विटामिन-डी शरीर के विकास व हड्डियों के विकास और स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। इसकी कमी की कई तरह से पहचान की जा सकती है।
-दर्द या तेज दर्द
-कमजोरी एवं ओस्टियोमेलेशिया
-हड्डियों में दर्द
-हड्डियों का दर्द (आमतौर पर कूल्हों, पसलियों और पैरों आदि की हड्डियों में होता है। खून में विटामिन-डी की कमी होने पर ये आशंकाएं प्रबल होती हैं।
हाईपोथार्मिया के लक्षण
-शरीर का ठंडा हो जाना।
-बेसुध हो जाना।
-हार्ट की गति धीमी हो जाना
बचाव
-गर्म कपड़े ज्यादा पहने
-गर्म पानी से ही स्नान करें
-सोते समय ज्यादा गर्म कपड़ों में सोए।
-गर्म भोजन खाने की कोशिश करे
स्वाइन फ्लू के लक्षण
-गला खराब होना
-जुकाम होना
-नार्मल कोल्ड होना
-आंखों में दर्द व पानी आना
-सिर दर्द करना
-खांसी होना
-मांसपेशियों में दर्द होना
-आंखे लाल होना
-जी मिचलाना
सावधानियां
सामान्य एन्फ्लूएंजा के दौरान रखी जाने वाली सभी सावधानियां इस वायरस के संक्रमण के दौरान भी रखी जानी चाहिए। जैसे बार-बार अपने हाथों को साबुन से धोना जरूरी होता है जो वायरस का खात्मा कर देते हैं। नाक और मुंह को हमेशा माक्स पहन कर रखना।
चिलब्लेन के लक्षण
चिलब्लेन में मरीज के हाथ व पैर की उंगली में सूजन आने के साथ नीली व लाल होना शुरू होगी। साथ खुजली भी शुरू होने के साथ दर्द होना शुरू होता है। कई बार ज्यादा खुजली होने पर घाव तक हो जाते हैं।
चिलब्लेन होने कारण
चिलब्लेन बीमारी ज्यादा सर्दी वाले मौसम में होती है। ज्यादा ठंडे पानी में काम करना या ज्यादा सर्दी होने के बाद पैर व उंगली के हिस्से को सर्दी के बचाव के प्रबंध न करना।
बचाव
हाथों में दस्ताने पहन कर रखे और पैरों में जुराब पहने। जहां तक हो सके तो ऊनी व सूती कपड़े पहने।
चिलब्लेन होने पर इलाज-
चिलब्लेन होने के तुरंत बाद डाक्टर को दिखाए। अगर किन्हीं कारण डाक्टर को नहीं दिखा पाएं है तो घर पर इलाज कर सकते हैं। हल्का गर्म पानी उंगलियों पर डाले। यह प्रक्रिया कुछ देर करते रहे और उसके बाद सरसो का तेल या डाक्टर द्वारा बताई गई क्रीम का प्रयोग करें।
दमा
सर्दी में दमा के मरीजों को सांस लेने में ज्यादा परेशानी शुरू हो जाती है। ऐसे में मरीज को कई तरह परेशानी होती है।
-सांस फूलना
-खांसी बढ़ जाना
-रात को नींद नहीं आना
-शरीर बेसुध सा रहना
-दमा मरीज को सर्दी के मौसम में पहाड़ी इलाके में नहीं जाना चाहिए। खाने में तुलसी, अदरक,काली मिर्च, केसर का प्रयोग करना चाहिए।