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नये सत्र से स्कूली बच्चे पढ़ेंगे गीता सार

प्रियंका दुबे मेहता, गुड़गांव : राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीइआरटी) ने स्कूली प

By Edited By: Published: Tue, 01 Dec 2015 05:49 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2015 05:49 PM (IST)
नये सत्र से स्कूली बच्चे पढ़ेंगे गीता सार

प्रियंका दुबे मेहता, गुड़गांव : राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीइआरटी) ने स्कूली पाठ्यक्रम में गीता सार शामिल करने की तैयारी शुरू कर दी है। नैतिक शिक्षा पर केंद्रीत पुस्तक निर्माण की प्रक्रिया चल रही है।

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एससीइआरटी में बन रही नैतिक शिक्षा की किताब के 15 अध्याय में से एक अध्याय में गीता के श्लोक शामिल होंगे। श्लोकों को छांटने का काम पूरा कर लिया गया है। छठीं कक्षा से आठवीं कक्षा, नौंवीं कक्षा से दसवीं कक्षा व 11वीं कक्षा से 12वीं कक्षा के लिए अलग अलग किताबें बनाई गई हैं और उनमें अलग-अलग कंटेंट दिया गया है। बता दें कि पाठ्यक्रम में गीता के उन श्लोकों को शामिल किया जा रहा है, जो नैतिकता और संस्कारों को आचरण में अपनाने की शिक्षा देते हैं। यानी पाठ्यक्रम में कर्मयोग, ज्ञान योग और भक्तियोग का सार शामिल होगा। आज की औद्योगिक और तकनीकी शिक्षा के दौर में विद्यार्थियों में नैतिकता और संस्कारों के क्षरण का हवाला देते हुए गीता सार को शामिल करने का प्रयास लंबे समय से चल रहा है। हालांकि कुछ ही प्रदेश इस दिशा में कदम उठाये हैं। हरियाणा में इसी सत्र से बच्चों को गीता सार पढ़ाया जाना था। लेकिन कतिपय कारणों से इसे इस सत्र से लागू नहीं किया जा सका। अब उसे नैतिक शिक्षा के साथ जोड़कर पढ़ाया जाएगा। इनमें गीता के कुछ चुनिंदा श्लोक शामिल किए गए हैं। नये सत्र से इनकी पढ़ाई शुरू हो जाएगी। हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि इसके लिए अतिरिक्त कक्षा लगाई जाएगी या फिर विषय की कक्षाओं में शामिल किया जाएगा। इसे हर अध्यापक पढ़ा सकेंगे। क्योंकि इसके लिए कोई विशेष शिक्षक नहीं होंगे।

वर्जन

नैतिक शिक्षा की इस किताब में गीता के श्लोकों को स्थान दिया गया है। अगले सत्र से इसे स्कूलों में पढ़ाया जाएगा। एससीइआरटी में बन रही नैतिक शिक्षा की किताब के 15 अध्याय में से एक अध्याय में गीता के श्लोक होंगे। गीता के श्लोकों को छांटने का काम पूरा कर लिया गया है।

-डा. किरणमयी, संयुक्त निदेशक, एससीईआरटी।


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