एचआइवी ग्रस्त पत्नी के लिए छोड़ा परिवार
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : बगैर सही जांच के चढ़ाया गया रक्त किसी को भी एचआइवी पीड़ित कर सकता है। ग
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : बगैर सही जांच के चढ़ाया गया रक्त किसी को भी एचआइवी पीड़ित कर सकता है। गुड़गांव गांव निवासी एक महिला के साथ ऐसा ही हुआ। संक्रमित रक्त चढ़ाए जाने से वह एचआइवी ग्रस्त हो गई। लेकिन पति ने सगे संबंधियों के विरोध के बाद भी पत्नी का हर तरह से साथ दिया। इसके चलते वह आम जन की तरह से जीवन यापन कर रही है।
महिला के पति ने बताया कि मुझे पता चला कि मेरी गर्भवती पत्नी एचआइवी ग्रस्त है तो मेरा पूरा परिवार हदस गया था। कोई साथ देने वाला नहीं था। लेकिन बाद में मैंने अपने आप को संभाला कि इसमें मेरी पत्नी की क्या गलती है। क्योंकि मेरी पत्नी को चढ़ाए गए रक्त के कारण एचआइवी ग्रस्त होने का कारण रहा। इसमें उसकी कोई गलती नहीं है। मेरी पत्नी के गर्भ में पल रहे बच्चे को एचआइवी ग्रस्त होने से नहीं बचाया जा सका। सगे संबंधी मुझ पर दबाव बना रहे थे कि मैं अपनी पत्नी को अपने हाल पर छोड़ दूं। लेकिन मैंने अपनी पत्नी व बच्चे से दूर रहना पसंद नहीं है और ऐसे हाल में दूर रहना तो कतई नहीं है। मैंने आज उन लोगों को छोड़ दिया जो मुझे गलत राय दे रहे थे। लेकिन आज मैं अपनी पत्नी व बच्चे के साथ नार्मल जीवन जी रहा हूं। लेकिन समाज में यह जीना आसान नहीं है। क्योंकि कहीं न कहीं समाज ताने मारता है और मैंने अपनी पत्नी व बच्चे के लिए रहने की जगह बदल दी।
वर्जन
अगर कोई महिला गर्भवती है और गर्भ ठहरने के कुछ समय बाद ही पता चल जाए कि वो एचआईवी ग्रस्त है तो बच्चे को एचआईवी ग्रस्त होने से बचाया जा सकता है। लेकिन इस मामले में देर हो गई थी। क्यों कि शुरू से ही महिला की दवा शुरू की जानी थी।
-अलीशेर खान, काउंसलर, इंटीग्रेटेड काउंसलिंग टेस्टिंग सेंटर।