'लीला नंदलाल की' नाटक से किया व्यवस्था पर व्यंग्य
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : नगर निगम की ओर से शनिवार को आयोजित नाट्य बेला में हास्य नाटक 'लीला नंदलाल
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : नगर निगम की ओर से शनिवार को आयोजित नाट्य बेला में हास्य नाटक 'लीला नंदलाल की' का मंचन किया गया। इसका निर्देशन नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) से ग्रेजुएट रामजी बाली ने किया।
भीष्म साहनी की कहानी लीला नंदलाल की में आज के परिवेश पर एक जबरदस्त व्यंग्य किया गया है। कहानी का नायक दीनदयाल त्रिपाठी उर्फ डीडीटी एक मध्यमवर्गीय व्यक्ति है जिसके खून-पसीने की कमाई से खरीदा गया स्कूटर उस समय चोरी हो जाता है, जब वह नाटक देखने के लिए जाता है। जब वह इसकी सूचना अपने परिजनों को देता है तो उसके पिता, चाचा तथा पत्नी सब राशन पानी लेकर उसी पर चढ़ बैठते है। उनका व्यवहार ऐसा होता है, जैसे स्कूटर चोरी होने में उसी का हाथ हो। उसके चाचा उसे कहते हैं कि उसे जल्द से जल्द बीमा कंपनी से स्कूटर के बीमा की राशि निकलवा लेनी चाहिए, जबकि उसके पिता का मत होता है कि पुलिस में रिपोर्ट लिखवानी चाहिए, ताकि स्कूटर बरामद हो सके। अब यहा से नायक की परेशानी की यात्रा शुरू होती है। वह कभी बीमा कंपनी के दफ्तर के चक्कर लगाता है तो कभी पुलिस थाने के, जहा उसे बेइज्जती के सिवा कुछ हासिल नहीं होता। नाटक मंचन के दौरान कलाकारों द्वारा बीच-बीच में बोले गए स्टायर ने दर्शकों को खूब हंसाया तथा पुलिस, बीमा कंपनी तथा न्याय व्यवस्था पर जबरदस्त व्यंग्य किया गया। इस अवसर पर जिला रेडक्रास सोसायटी के सचिव श्याम सुंदर, चिराग वेलफेयर फाउंडेशन के अतर सिंह संधु, राजेंद्र सरोहा, रंगकर्मी रंगराजन, शिक्षाविद् अर्जुन वशिष्ठ सहित अन्य गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।