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मेट्रो में आराम, बाहर जाम

संदीप रतन, गुड़गांव : दिल्ली को गुड़गांव से जोड़ने वाली येलो लाइन का आखिरी स्टेशन हुडा सिटी सेंटर। द

By Edited By: Published: Tue, 04 Aug 2015 07:14 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2015 07:14 PM (IST)
मेट्रो में आराम, बाहर जाम

संदीप रतन, गुड़गांव : दिल्ली को गुड़गांव से जोड़ने वाली येलो लाइन का आखिरी स्टेशन हुडा सिटी सेंटर। दिल्ली से हजारों नौकरीपेशा लोग इस रूट से गुड़गांव का तक का सफर करते हैं। करीब एक से डेढ़ घंटे में दिल्ली से गुड़गांव तक का सफर आराम से कट जाता है, लेकिन असली मुश्किलें मेट्रो स्टेशन के बाहर शुरू होती हैं। मेट्रो स्टेशन से बाहर निकलने में ही आधा घंटा लग जाता है। इसी तरह मेट्रो स्टेशन की एंट्री भी उतनी ही पीड़ादायक है। आटोरिक्शा के कारण सड़क पर आधा किलोमीटर लंबा जाम लगता है। जान को जोखिम में डालकर लोग सड़क पार कर रहे हैं, इस दौरान वाहनों का जाम भी लग जाता है। अगर यहां पर अंडरपास बना दिया जाता तो यात्रियों बाहर निकलने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। हालांकि सड़क पार करने के लिए यहां पर फुट ओवरब्रिज बना हुआ है, लेकिन लोग इससे रास्ता पार नहीं कर रहे हैं। एक तो फुटओवर ब्रिज स्टेशन के सामने न होकर थोड़ा दूर है, दूसरा विकलांग या बुजुर्ग लोग इस पर चढ़कर सड़क पार नहीं कर सकते हैं। ऐसे में अब फुट ओवरब्रिज पर चढ़ने के लिए एक्सीलेरेटर लगाने की तैयारी चल रही है।

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पीक ऑवर्स में रहती है ज्यादा भीड़

शहर में 150 से ज्यादा मल्टी नेशनल कंपनी और अन्य निजी कंपनियों के आफिस होने के कारण सुबह आठ से दस और शाम को छह से नौ बजे तक के पीक ऑवर्स में भीड़ ज्यादा रहती है। हजारों लोग मैट्रो में सफर करते हैं।

ऑटोरिक्शा से सब 'जाम'

एक हजार से ज्यादा ऑटो हुडा सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन के बाहर हर वक्त रहते हैं। हुडा मेट्रो के बाहर मेन रोड पर ऑटो रिक्शा की वजह से लंबा जाम लगा रहता है। ऑटो चालक यात्रियों को लेने के लिए आपसी प्रतिस्पर्धा में ऑटोरिक्शा को सड़क पर बेतरतीब खड़ा कर देते हैं। हालांकि हर वक्त स्टेशन के बाहर यातायात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस भी तैनात रहती है, लेकिन ऑटो चालकों की मनमानी पर कोई कंट्रोल नहीं है।

मुख्य गेट के सामने नहीं है जगह

मेट्रो स्टेशन से बाहर आने के लिए दो रास्ते बने हुए हैं, लेकिन दोनों गेट पर ऑटो चालक खड़े रहते हैं। ऑटो इस तरह से सटाकर खड़े किए जाते हैं कि निकलने या अंदर जाने का रास्ता नहीं बचता है।

यात्रियों का दर्द

'' मेट्रो स्टेशन में अंडरपास बनने समस्या का हल हो सकता था। जाम इतना है कि सड़क पार करना मुश्किल है। ''

-यशवीर

'' रोजाना दिल्ली तक मेट्रो में सफर करता हूं। लेकिन मेट्रो स्टेशन की एंट्री और एग्जिट में ही आधा घंटा लगता है। आटो वाले सड़क को जाम कर देते हैं। ''

-अभिजीत

'' अंडर पास बनने से राहत मिलती। हुडा सिटी सेंटर स्टेशन के बाहर जितना जाम कहीं नहीं है। सड़क पार करने का रास्ता नहीं है। ''

-पवन

'' मेट्रो स्टेशन के अंदर जाना व बाहर आना दोनों में परेशानी है। रास्ते के बीचे में आटो रिक्शा वाले खड़े रहते हैं। फुट ओवरब्रिज को दुरुस्त किया जाना चाहिए ताकि बुजुर्ग, बच्चों और महिलाओं को भी इसका फायदा मिले। ''

-करन

'' मेट्रो के पहुंचते ही समूह में लोगों की भीड़ सड़क पार करती है, इससे वाहनों का जाम लग जाता है। ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए पुलिस की ड्यूटी लगाई जानी चाहिए। ''

-रामकेश्वर

'' मेट्रो स्टेशन पर अंडर पास बनाने से जाम से मुक्ति मिलती, साथ ही लोगों को भी कोई परेशानी नहीं होती। ''

-रविंद्र।


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