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आसान नहीं खेड़कीदौला टोल प्लाजा को स्थानांतरित करना

आदित्य राज, गुड़गांव : दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेस-वे पर खेड़की दौला टोल प्लाजा को बिलासपुर के नजदीक स

By Edited By: Published: Sun, 02 Aug 2015 06:09 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2015 06:09 PM (IST)
आसान नहीं खेड़कीदौला टोल प्लाजा को स्थानांतरित करना

आदित्य राज, गुड़गांव : दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेस-वे पर खेड़की दौला टोल प्लाजा को बिलासपुर के नजदीक स्थानांतरित करना आसान नहीं है। खेड़कीदौला से आगे पिंक सिटी एक्सप्रेस-वे है। बिलासपुर पिंक सिटी एक्सप्रेस-वे के दायरे में आता है। ऐसी स्थिति में कोई कंपनी दूसरी कंपनी के इलाके में कैसे टोल वसूल सकती है।

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पिछले कुछ समय से चर्चा चल रही है कि प्रदेश सरकार खेड़कीदौला टोल प्लाजा को बिलासपुर स्थानांतरित करना चाहती है ताकि दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेस-वे पूरी तरह ट्रैफिक जाम मुक्त हो सके। इस चर्चा को हवा तब मिली जब प्रदेश सरकार के लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह ने इस बारे में सार्वजनिक रूप से बयान जारी कर दिया। लोगों के बीच चल रही चर्चा की जानकारी एनएचएआइ से लेकर केंद्र सरकार तक पहुंच चुकी है। इस चर्चा से एनएचएआइ के अधिकारी हैरान हैं। सभी का मानना है कि चर्चा गलत चल रही है। खेड़कीदौला टोल प्लाजा को बिलासपुर स्थानांतरित कैसे किया जा सकता है। दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेस-वे खेड़कीदौला तक ही है। इससे आगे पिंक सिटी एक्सप्रेस-वे है। खेड़कीदौला से बिलासपुर की दूरी 20 किलोमीटर से अधिक है। कोई भी कंपनी 20 किलोमीटर का इलाका दूसरी कंपनी को कैसे सौंप देगा। खेड़कीदौला टोल से निकलने वाले (दिल्ली से जयपुर की तरफ) अधिकतर वाहन मानेसर तक ही रह जाते हैं। इसी तरह मानेसर से दिल्ली की तरफ ही अधिकतर वाहन जाते हैं। यदि खेड़कीदौला टोल प्लाजा मानेसर से कुछ आगे भी स्थानांतरित किया जाता है तो दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेस-वे रखरखाव कंपनी को महीने में करोड़ों रुपये का नुकसान होगा।

हिसाब करने से मिल जाएगी मुक्ति

एनएचएआइ के भीतर यह चर्चा चल रही है कि यदि खेड़कीदौला टोल प्लाजा को हटाना है तो हरियाणा सरकार के पास एक बेहतर उपाय है। दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेस-वे रखरखाव कंपनी का हिसाब करके जिम्मेदारी स्वयं संभाल ले। बताया जाता है कि दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेस-वे रखरखाव कंपनी के ऊपर बैंकों का (जिन बैंकों ने एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए लोन दिया था) एक हजार करोड़ रुपये से अधिक बकाया है। लोन के ऊपर ब्याज लगते-लगते राशि इतनी अधिक हो चुकी है। मालूम हो कि निर्माण के ऊपर लगभग 700 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।

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वर्जन

''दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेस-वे रखरखाव कंपनी के पास धौलाकुआं से खेड़कीदौला तक 27.7 किलोमीटर का ही इलाका आता है। खेड़कीदौला से आगे रखरखाव कंपनी कुछ भी नहीं कर सकती। ऐसी स्थिति में टोल को मानेसर के नजदीक या बिलासपुर स्थानांतरित करने का सवाल ही नहीं उठता।

-एके शर्मा, निदेशक (प्रोजेक्ट), एनएचएआइ, गुड़गांव।


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