करोड़ों का बजट फिर भी बदहाली
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : नगर निगम हर साल शहर की साफ -सफाई के लिए करोड़ों का बजट तैयार करता है, ल
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : नगर निगम हर साल शहर की साफ -सफाई के लिए करोड़ों का बजट तैयार करता है, लेकिन कहीं भी सफाई नजर नहीं आ रही है। लेकिन जोन तीन और चार बदहाल हो चुके हैं और लोगों में निगम ने प्रति काफी रोष है। लोगों का कहना है कि इससे अच्छा तो उन्हें पंचायत ही घोषित कर दिया जाए।
जोन तीन और चार में ज्यादातर इलाका गांवों का है, लेकिन यहां के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। गांव झाड़सा और इस्लामपुर में सबसे ज्यादा स्थिति खराब है। जागरण संवाददाता ने जब यहां का दौरा किया तो हालात से पर्दा उठा और लोगों ने अपना दर्द बयां किया।
ये है जोन तीन व चार का क्षेत्र
जोन तीन में गांव सिलोकरा, वजीराबाद, चकरपुर, नाथुपुर, सिकंदरपुर, कनही और ग्वाल पहाड़ी का इलाका नगर निगम के जोन तीन में शामिल है। इसके अलावा जोन चार में झाड़सा, इस्लामपुर, बेगमपुर खटौला, नाहरपुर रूपा, राजीव कालोनी, समस्पुर तिघरा तथा बहरामपुर गांव शामिल है।
निगम नहीं ले रहा है सुध
ज्यादातर गांव होने के कारण नगर निगम ने इन इलाकों की सुध नहीं ली है। जोन तीन और चार में 500 सफाईकर्मी लगे हुए हैं। 22 सुपरवाइजर लगे हुए हैं। दोनों जोन में कचरा उठाने के लिए 22 ट्रैक्टर भी लगे हुए हैं, लेकिन सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। जबकि वर्ष 2015-16 के लिए भी 2246.47 लाख रुपये सफाई पर खर्च करने का अनुमानित बजट तैयार किया है।
झाड़सा व इस्लामपुर में बीमारियां फैलने का डर
झाड़सा में बिल्कुल सफाई नहीं हो रही है। लोगों का कहना है कि यहां कूड़े पर सुअर घूमते रहते हैं और मक्खियां व मच्छर हो जाने कारण बीमारी फैल सकती है। सड़कों पर कूड़ा फैला रहता है। कई बार तो सफाईकर्मी यहां खाली पड़े प्लाट के नजदीक खुले में कचरे का जला देते हैं जोकि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की अवहेलना है।
यह बोले नागरिक
सफाई नहीं होने से क्षेत्र नरक बन गया है। जगह-जगह कूड़े के ढेर लग चुके हैं। निगम के सफाई वाले कहीं नजर नहीं आते हैं। बेहतर होगा कि फिर से गांव को पंचायत घोषित कर दिया जाए। ''
-इंदू
गांव में सफाई कर्मचारी नहीं आते हैं। अगर कभी आते हैं तो कचरे का ढे़र सड़क किनारे ही लगा देते हैं। सूअर घूमते रहते हैं। ''
-संदीप कुमार
बहुत बार निगम में भी शिकायत की गई है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। लोग परेशान हो चुके हैं। जीना दूभर हो गया है। दुर्गध घरों तक फैल जाती है। ''
-कुलदीप
''नियमित रूप से सफाई नहीं हो रही है। महिला सफाईकर्मी लापरवाह हैं और कचरा उठाने की भी कोई व्यवस्था नहीं है। नगर निगम सफाई के नाम पर खानापूर्ति कर रहा है। ''
-संदीप
'' नगर निगम सफाई की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर करोड़ो रुपये खर्च दिखा दिए जाते हैं। झाड़सा में स्थिति खराब है। ''
-अजय
वर्जन
''सफाई व्यवस्था को सुधारा जाएगा। जहां पर सफाईकर्मियों की कमी है वहां पर संख्या बढ़ाई जाएगी। झाड़सा में भी और सफाईकर्मी लगाए जाएंगे। ''
-अनु श्योकंद, संयुक्त आयुक्त जोन चार, नगर निगम।