जल्द बदली नजर आएगी साइबर सिटी की तस्वीर
सप्ताह का साक्षात्कार : फोटो 1 जीयूआर 7 गुड़गांव : औद्योगिक दृष्टिकोण से दुनिया में पहचान बनाने
सप्ताह का साक्षात्कार :
फोटो 1 जीयूआर 7
गुड़गांव : औद्योगिक दृष्टिकोण से दुनिया में पहचान बनाने वाली साइबर सिटी में ढांचागत विकास पर जितना ध्यान देना चाहिए था, उतना नहीं दिया गया। सेक्टरों और निजी कालोनियों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव दिख रहा है। सड़क, सीवर एवं साफ- सफाई जैसी समस्याओं से अभी भी लोगों को दो-चार होना पड़ रहा है। पानी की किल्लत से अक्सर लोग जूझते नजर आते हैं। सीवर, सफाई जैसी समस्याएं लेकर भी लोग कार्यालय के चक्कर काटते रहते हैं। हुडा के जनहित प्राजेक्ट लटके पड़े हैं। आखिर व्यवस्था को मजबूत बनाने में क्या आ रही है परेशानी? कालोनाइजरों पर कैसे लगेगा अंकुश? नए विकसित हो रहे सेक्टरों में कब तक सुविधाएं होंगी विकसित? जैसे कई मुद्दों पर दैनिक जागरण के संवाददाता सोनू यादव ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) की प्रशासक अनीता यादव से विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत है बातचीत के मुख्य अंश :
सेक्टरों के लोग सीवर, सफाई, स्ट्रीट लाइट की समस्या को लेकर कार्यालय में चक्कर काटते नजर आते हैं। लेकिन सुनवाई नहीं होती। इसके पीछे क्या कारण है।
-हमने प्रावधान किया है कि कार्यकारी अभियंता स्तर तक के अधिकारी हर 15 दिन में सेक्टरवासियों के बीच जाकर उनकी समस्या सुनेंगे। इस कार्यवाही की रिपोर्ट भी वे तैयार करेंगे, जिसे चेक किया जाएगा। इससे लोगों को कार्यालय का चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी। डोर स्टेप पर ही हम उनकी समस्या का समाधान करेंगे। प्रक्रिया अभी शुरू की गई है और बहुत जल्द इसका असर देखने को मिलेगा।
सेक्टरों में जलापूर्ति गंभीर समस्या है। अक्सर लोग पानी के लिए परेशान रहते हैं और टैंकरों से व्यवस्था कराते हैं। ऐसा क्यों है?
-पानी सप्लाई के टेल एरिया जैसे सेक्टर - 21, 22, 23 में कुछ समस्या थी, जिसे हल कर दिया गया है। अब वहां पानी की कोई कमी नहीं है। कई बार बिजली की दिक्कत आने से सप्लाई बाधित हो जाती है। लेकिन हुडा भरपूर प्रयास करता है कि लोगों को पानी की कमी न हो। अब शहर के हर क्षेत्र में हमने पानी पहुंचा दिया गया है। 24 घंटे पानी देना तो संभव नहीं है, लेकिन तय समय और मांग के अनुसार हुडा पूरा पानी उपलब्ध करा रहा है।
इको फ्रेंडली बनने का प्रयास हर तरफ चल रहा है। हुडा के पास साइबर सिटी का एक बड़ा हिस्सा है। ऐसे में इको फ्रेंडली होने के लिए हुडा क्या कदम उठा रहा है?
-सीवर ट्रीटमेंट प्लांट पर सीवर के पानी को ट्रीट कर हम निर्माण कार्य में प्रयोग के लिए उपलब्ध करा रहे हैं। साथ ही सीवर ट्रीटमेंट प्रक्रिया के दौरान बनने वाली गैस से हम बिजली बना रहे हैं। इसका ट्रायल चल रहा है। जल्द ही हम सीवर ट्रीटमेंट प्लांटों को उनके द्वारा बनाई गई बिजली से चलाना शुरू कर देंगे। अभी तक खुली हवा में छोड़ी जाने वाली यह गैस अब बिजली बनाएगी।
एनपीआर, एसपीआर समेत कई बड़े प्रोजेक्ट डेडलाइन पार करने के बाद भी लंबित पड़े हैं। लोगों की सुविधा के लिए तैयार किए गए ये प्रोजेक्ट कब तक पूरे हो सकेंगे?
-एनपीआर और एसपीआर को लेकर हाईकोर्ट में केस चल रहे हैं। बगैर कोर्ट केस वाले इलाके में सड़क निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। एसपीआर को तो हमने मोटरेबल कर दिया है। करीब 200 मीटर का टुकड़ा बचा है, जिसे कोर्ट केस का फैसला होने के बाद बना दिया जाएगा। एनपीआर में लोगों को बदले के प्लाट देने की प्रक्रिया जल्द ही पूरी हो जाएगी। इसके बाद बाकी हिस्से में रोड निर्माण कार्य शुरू होगा। एसपीआर-एनपीआर को जोड़ने वाले सीपीआर पर भी काम शुरू जल्द ही होने जा रहा है।
मल्टी लेवल पार्किंग का तोहफा शहर को देने की घोषणा कई साल पहले की गई थी। लेकिन अभी तक यह योजना सिरे नहीं चढ़ी। यह योजना फिलहाल किस स्तर पर है?
-सेक्टर-29 में मल्टी लेवल पार्किंग की नई साइट फाइनल की जा चुकी है। इस बार तय साइट पर पार्किंग का टेंडर जारी करने से भी मना कर दिया गया है। जल्द ही इस पर काम शुरू होने जा रहा है। इसके बाद लोगों को दिक्कत नहीं होगी।
परिचय
नाम- अनीता यादव
जन्म - 19 सितंबर 1966
जन्म स्थान - गांव कुकसी, महेंद्रगढ़
शिक्षा - गवर्नमेंट कालेज नारनौल से स्नातकोत्तर भूगोल में
- 21 दिसंबर 1989 से 20 दिसंबर 1992 तक गवर्नमेंट कालेज में लेक्चरार
- 21 दिसंबर 1992 से 2005 तक एचसीएस
- 2005 में आईएएस प्रमोट
नौकरी के दौरान जींद, फरीदाबाद, सोनीपत, चंडीगढ़ और अब गुड़गांव में हैं तैनात।