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11 प्रतिष्ठान डिफाल्टर घोषित

आदित्य राज, गुड़गांव : डिजिटल सिग्नेचर उपलब्ध नहीं कराने वाले 11 प्रतिष्ठानों को कर्मचारी भविष्य न

By Edited By: Published: Fri, 31 Jul 2015 07:58 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2015 07:58 PM (IST)
11 प्रतिष्ठान डिफाल्टर घोषित

आदित्य राज, गुड़गांव : डिजिटल सिग्नेचर उपलब्ध नहीं कराने वाले 11 प्रतिष्ठानों को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने डिफाल्टर घोषित कर दिया है। इन प्रतिष्ठानों के खिलाफ मामला कोर्ट में भी जा चुका है। मामले में दोषी पाए जाने पर चार हजार रुपये जुर्माना या एक साल की कैद या दोनों का प्रावधान है।

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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से जुड़े अधिकतर कार्य ऑनलाइन हो चुके हैं। इसके लिए जिन प्रतिष्ठानों में 50 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं, उनके संचालकों को डिजिटल सिग्नेचर ईपीएफओ को उपलब्ध कराना अनिवार्य है। फिलहाल गुड़गांव जोन के दायरे में आनेवाले प्रतिष्ठानों में से लगभग 500 प्रतिष्ठानों (जिनमें 50 से अधिक कर्मी काम करते हैं) के संचालकों ने अपने डिजिटल सिग्नेचर की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है। इसके लिए उन्हें कई बार कहा जा चुका है। सेमिनार एवं गोष्ठियों के माध्यम से भी जागरूक करने का प्रयास किया गया, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। इसे देखते हुए ईपीएफओ ने सख्त कदम उठाया है। इसी क्रम में 11 प्रतिष्ठानों पर शिकंजा कसा गया है। धीरे-धीरे अन्य प्रतिष्ठानों पर भी गाज गिरने की आंशका है।

इन प्रतिष्ठानों का मामला पहुंचा अदालत

जिन प्रतिष्ठानों को डिफाल्टर घोषित किया गया है उनमें एलिवेट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, स्फिक्स सिक्योरिटी सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, इंफोसॉफ्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, वृंदावन इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड, शो लाइन इंटरनेशनल, एलिटी इंटरनेशनल, ग्रैंड इंफोकॉम प्राइवेट लिमिटेड, एपेक्स इंटरप्राइजेज एवं आइआइ इंस्पेक्शन एंड एक्सपोर्ट समेत कुल 11 प्रतिष्ठानों के नाम शामिल हैं। कुछ और प्रतिष्ठानों को डिफाल्टर घोषित करने की तैयारी चल रही है।

ईपीएफओ की कार्रवाई से मचा हड़कंप

भविष्य निधि संगठन के इस सख्त रुख के बाद प्रतिष्ठान संचालकों में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों से लेकर कर्मचारी तक नियमों की जानकारी लेने लगे हैं।

वर्जन

'बार-बार निर्देश के बावजूद प्रतिष्ठान संचालकों ने ध्यान नहीं दिया। इसलिए उन्हें डिफाल्टर सूची में डाल दिया गया है। मामला जिला अदालत में भी जा चुका है। डिफाल्टर सूची में नाम आना किसी भी प्रतिष्ठान के लिए बहुत शर्मिदगी की बात होती है। बैंक से लोन लेने में भी दिक्कत आएगी। अब भी प्रतिष्ठान संचालक नहीं सुधरे तो और कई प्रतिष्ठानों को इस सूची में डाला जाएगा।

-राजीव बिष्ट, क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त (ग्रेड एक), गुड़गांव।


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