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बगैर रिकार्ड हुई काउंसिलिंग

जासं, गुड़गांव : गुड़गांव में फिजिकल एक्सरसाइज इवेल्यूवेशन डेवलपमेंट टेस्ट (स्पीड) में पास होने वाले ज

By Edited By: Published: Wed, 08 Jul 2015 01:37 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2015 01:37 AM (IST)
बगैर रिकार्ड हुई काउंसिलिंग

जासं, गुड़गांव : गुड़गांव में फिजिकल एक्सरसाइज इवेल्यूवेशन डेवलपमेंट टेस्ट (स्पीड) में पास होने वाले जिला गुड़गांव, फरीदाबाद, मेवात, नारनौल, रेवाड़ी व पलवल के बच्चों की खेल विभाग की तरफ से काउंसिलिंग की गई। खेल विभाग का काउिंसलिंग कराने का मकसद था कि बच्चों से यह जानना कि वो कौन से गेम में भाग लेना चाहते हैं। गुड़गांव के नेहरू स्टेडियम में 29 जून से यह काउंसिलिंग शुरू हुई थी। सात जुलाई को अंतिम दिन था लेकिन काउंसिलिंग के लिए चंडीगढ़ से आई डिप्टी डायरेक्टर की टीम के पास यह रिकार्ड सात जुलाई तक नहीं है कि जिला वार कितने बच्चे शामिल हुए और कितने बच्चे किन किन खेलो में भाग लेना चाहते हैं। किसके आधार पर खेल विभाग खिलाडि़यों को हास्टल में रखेगा। जबकि यह रिकार्ड रखने का कार्य डिप्टी डायरेक्टर टीम का है। क्यों कि जिला खेल अधिकारी से खिलाडि़यों की लिस्ट लेकर काउंसिलिंग के दौरान ही रिकार्ड बनाना था कि बच्चे किस गेम में भाग लेना चाहते हैं लेकिन रिकार्ड नहीं रखने से साफ है कि खेल विभाग के अधिकारी सरकार की स्कीम को चूना लगा रहे हैं।

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सरकार खेलों में ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ी तैयार करना चाहती है और स्पीड के माध्यम से बच्चों से जानने की कोशिश कर रही है कि कौन से गेम में खेलना चाहता है। खेल मंत्री अनिल विज का कहना है कि पैसा खिलाड़ी पर खर्च करना है लेकिन उसी खिलाड़ी पर खर्च करना है जो सही मायने में खेलना चाहता है।

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यह रिकार्ड साथ के साथ बनाना है। यह कैसे हो सकता है कि टीम ने रिकार्ड नहीं बनाया। डिप्टी डायरेक्टर से जानकारी ली जाएगी।

- केके खंडेलवाल, खेल आयुक्त हरियाणा


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