रमजान माह के तीसरे जुमे की नमाज अता की
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : ''एक ही सफ पर बैठ गए महमूद और अयाज। न कोई बंदा रहा न कोई बंदा नवाज।''
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : ''एक ही सफ पर बैठ गए महमूद और अयाज। न कोई बंदा रहा न कोई बंदा नवाज।'' जुमे नमाज के वक्त खुदा के सजदे में एक साथ झुकते सैकड़ों सिरों ने शायर की इन पंक्तियों को जैसे सार्थक कर दिया कि अल्लाह के सामने कोई भेदभाव नहीं, सब एक समान हैं। इस रमजान के तीसरे जुमे की नमाज शहर के कई हिस्सों में पूरे हर्षोल्लास के साथ पढ़ी गई। भाई चारे, अमन, रहमत और बरकत के पाक महीने रमजान के तीसरे जुमे पर मुस्लिम समुदाय में खासा उत्साह दिखा।
शहर की प्रमुख जामा मस्जिद समेत अन्य मस्जिदों में शुक्रवार को नमाज अता करने काफी संख्या में लोग पहुंचे। इस इबादत के बाद सदर बाजार इलाके में रोजेदारों की काफी भीड़ दिखाई दी। जामा मस्जिद के अलावा नेशनल हाईवे स्थित ईदगाह मैदान, कब्रिस्तान वाली मस्जिद, देवी लाल नगर, शीतला कॉलोनी, पालम विहार, कई पार्को के अलावा अन्य इबादतगाहों पर जुमे की नमाज पढ़ी गई। नमाज पढ़ने वालों में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक काफी जोश से शामिल हुए।
जामा मस्जिद के इमाम जान मोहम्मद ने बताया कि यह अमन प्रेम, भाईचारे और बरकत का महीना है। हमें यह त्याग, प्रेम और दूसरों की मदद करना सिखाता है। हम पूरे महीने में दिन में भूखे प्यासे रहकर खुद को पाक बनाने की दरख्वास्त खुदा से करते हैं। कुरान शरीफ धरती पर इसी पाक महीने में आया था।
रमजान शुरू होते ही सदर बाजार में रोजेदारों के सहरी और इफ्तार के लिए तरह-तरह की चीजें नजर आने लगी हैं। खजूर, रेवड़ियां, कई किस्म के फल सिवइयों से लेकर शाम के वक्त पकौड़ों की दुकानों में रोजेदारों के लिए गर्म पकौड़े, लस्सी, शरबत तैयार होते दिखे।