कलह में की मां-बेटी की हत्या
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : मानेसर थाना पुलिस ने दस अप्रैल की रात मौत की घाट उतारी गई सुमनलता (34) व
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : मानेसर थाना पुलिस ने दस अप्रैल की रात मौत की घाट उतारी गई सुमनलता (34) व उसकी दस साल की बेटी ज्योति (10) के कातिल का पता लगा लिया है। दोहरे हत्याकांड को अंजाम सुमनलता के कथित प्रेमी आशाराम ने ही दिया था। कलह के चलते उसने दोनों का गला दबाकर हत्या की फिर शव को आइएमटी मानेसर की अलग-अलग जगहों पर पड़े खाली प्लाट में मिट्टी में दबा दिया था। उसे शायद उम्मीद भी नहीं थी कि उसके गुनाह का राज इतनी जल्दी खोल पुलिस रविवार शाम उसे पकड़ हवालात दिखा देगी।
दादरी भिवानी निवासी 45 वर्षीय आशाराम की पत्नी की मौत हो गई थी। करीब आठ साल पहले गुड़गांव में ही बलिया यूपी निवासी सुमनलता से उसकी मुलाकात हुई थी। इसके बाद से दोनों पति-पत्नी की तरह रहने लगे थे। सुमन की बेटी ज्योति भी साथ रहती थी। सभी मानेसर स्थित एक बंद पड़ी फैक्टरी में रहते थे। आशाराम चाय की दुकान चलाता था, जबकि सुमनलता एक कंपनी में कार्य करती थी। पुलिस के मुताबिक करीब दो सालों से आशाराम व सुमन में बनती नहीं थी। आए दिन दोनों में झगड़ा होता रहता था। दस अप्रैल की रात आशाराम नशे में था। किसी बात को लेकर उसका सुमनलता से लड़ाई हो गई थी। इसके बाद सभी बगैर खाना खाए सो गए। आशाराम को गुस्से के चलते नींद नहीं आई और उसने मां बेटी को सोते हुए ही गला घोंट मार दिया था। उसी रात दोनों शवों को व रेहड़ी में लाद ठिकाने लगा आया। मां बेटी के बारे में जब लोग उससे पूछते तो यही बताता था कि दोनों गांव गई है। लेकिन पुलिस को 15 मई को सुमनलता का शव मिला जिसे कुत्तों ने मिट्टी से निकाल लिया था। कपड़ों के आधार पर शव की पहचान हुई तो पुलिस ने आशाराम को निशाने पर लिया। इधर शव की पहचान होते ही आशाराम चंपत हो गया था। लेकिन पुलिस ने उसे दबोच लिया।
घटना वाली रात सौतेला पिता आशाराम इतना नशे में था कि वह यह नहीं जान पाया कि ज्योति का शव उसने कहां दबाया है। मानेसर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जगदीश की टीम जब उसे लेकर उस जगह की तलाश में गई जहां उसने शव दबाया था तो वह बता नहीं पाया। हालांकि पुलिस टीम अभी जगह की पहचान करने में लगी है।