नगर निगम की कार्यशैली पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : हीरो होंडा चौक पर ड्रेन का निर्माण शुरू होने में हो रही देरी को लेकर पंजा
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : हीरो होंडा चौक पर ड्रेन का निर्माण शुरू होने में हो रही देरी को लेकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने नाराजगी जताई है। अदालत ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान नगर निगम को तीन सप्ताह के भीतर ड्रेन के निर्माण की राशि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के पास जमा कराने का आदेश दिया है। इस बारे में पूरी जानकारी 26 मई को सुनवाई के दौरान देनी होगी।
कई वर्षो से हीरो होंडा चौक पर जलजमाव की समस्या है। मामला उच्च न्यायालय तक पहुंच चुका है। न्यायालय के मुताबिक मानसून से पहले ड्रेन का निर्माण होना चाहिए। इसे लेकर एनएचएआइ ने अपनी ओर से तैयारी पूरी कर रखी है लेकिन नगर निगम की लचर कार्यशैली की वजह से काम आगे नहीं बढ़ रहा है। नगर निगम को निर्माण राशि 22 करोड़ 60 लाख रुपये एनएचएआइ के पास जमा कराना है। इस बारे में कई बार निगम को कहा जा चुका है लेकिन कोई असर नहीं। निगम अधिकारी तर्क दे रहे हैं कि उन्होंने अपनी ओर से एस्टीमेट बनाकर प्रदेश सरकार के पास भेज रखा है। ऊपर से स्वीकृति मिलते ही राशि जमा करा दी जाएगी। यही जानकारी निगम की ओर से गुरुवार को उच्च न्यायालय में दी गई है। इस पर न्यायालय ने सख्त रूख अपनाते हुए कहा कि हर हाल में तीन सप्ताह के भीतर राशि जमा हो जानी चाहिए। एनएचएआइ के निदेशक (प्रोजेक्ट) एके शर्मा ने बताया कि जितनी जल्द निगम पैसा जमा कराता है, उतनी ही जल्द निर्माण हो सकेगा। देरी होने पर मानसून से पहले निर्माण संभव नहीं हो सकेगा। मानसून आने के बाद निर्माण करना संभव नहीं होगा क्योंकि भारी जलजमाव होता है।
इस बार भी परेशानी झेलनी तय
नगर निगम की ओर से 26 मई से पहले राशि जमा करा दी जाती है तो इसके बाद कम से कम एक महीना टेंडर की प्रक्रिया में लग जाएगा। इस तरह पूरा जून निकल जाएगा। जून अंत होते-होते या जुलाई के प्रथम सप्ताह तक मानसून का प्रवेश हर हाल में हो जाता है। कई बार मानसून के प्रवेश के साथ ही जबरदस्त बारिश होती है। यदि ऐसा हुआ तो फिर ड्रेन का निर्माण शुरू होना संभव नहीं होगा। ऐसी स्थिति में पिछले कई वर्षो की तरह ही इस बार भी लोगों को हीरो होंडा चौक पर भारी जलजमाव का सामना करना पड़ेगा। एनएचएआइ के निदेशक एके शर्मा कहते हैं कि हीरो होंडा चौक मामले में गुड़गांव प्रशासन को जितनी सक्रियता दिखानी चाहिए, उतनी नहीं दिख रही है।