प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कार्रवाई की मांग
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : दस साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों पर रोक लगाना ठीक नहीं है। अधिकतर लोग नए
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : दस साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों पर रोक लगाना ठीक नहीं है। अधिकतर लोग नए वाहन नहीं खरीद सकते। ऐसी स्थिति में पुराने वाहनों पर रोक लगाने की बजाय प्रदूषण फैलाने वालों पर रोक लगाई जाए। यदि इस पर गंभीरता से अमल हो तो काफी समस्या दूर हो जाएगी। ये विचार शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने दैनिक जागरण से बातचीत में व्यक्त किए।
लेजर वैली पार्क एसोसिएशन के प्रधान चौधरी नारायण सिंह कहते हैं कि देश के अधिकतर लोग लोन से वाहन खरीदते हैं। पांच से छह साल तक समय लोन चुकाने में निकल जाता है। ऐसी स्थिति में दस साल से अधिक पुराने वाहनों पर रोक लगाना कहीं से न्यायोचित नहीं है। सबसे बड़ी बात यह है कि क्या गारंटी है कि दो साल पुराना वाहन प्रदूषण नहीं फैलाएगा। नियम यह बनना चाहिए कि जो वाहन प्रदूषण फैलाएगा, उसे जब्त किया जाएगा।
हरियाणा व्यापार मंडल के प्रांतीय उपाध्यक्ष नरेश अग्रवाल कहते हैं कि पुराने वाहनों की वजह से ही मध्यम वर्ग के लोग कार की सुविधा उपलब्ध कर पा रहे हैं। यदि दस साल से अधिक पुराने वाहनों के ऊपर रोक लगा दी गई तो अधिकतर लोग कार की सुविधा का लाभ नहीं उठा पाएंगे। आवश्यकता है प्रदूषण किन कारणों से फैलता है, उस पर ध्यान देने की। ट्रैफिक जाम की वजह से अधिक प्रदूषण फैलता है। सड़कें टूटी हुई हैं। इस वजह से भी जाम लगता है।
सेक्टर 15 पार्ट दो रेल विहार निवासी व सामाजिक कार्यकर्ता अशोक त्यागी कहते हैं कि शहर में जितने भी प्रदूषण जांच केंद्र हैं उन्हें ठीक करना चाहिए। ट्रैफिक पुलिस, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित कई विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करनी चाहिए जिससे कि कहीं भी प्रदूषण फैलाने वाले वाहन चलते दिखाई न दें। जब सख्ती होगी तब लोग अपने वाहनों के रखरखाव के ऊपर ध्यान देंगे। रखरखाव के ऊपर ध्यान देने से दस साल पुराने वाहनों से प्रदूषण नहीं फैलता है। रखरखाव के ऊपर ध्यान न देने पर दो साल पुराने वाहनों से भी प्रदूषण फैलने लगता है। ऐसी स्थिति में दस साल पुराने वाहनों पर रोक लगाना कहीं से भी जायज नहीं है।
360 गांव झाड़सा के प्रधान चौधरी महेंद्र सिंह ठाकरान कहते हैं कि कम से कम 15 साल तक वाहनों को चलाने की इजाजत देनी चाहिए। दस साल तक का समय कम है। हां, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को किसी भी कीमत पर न छोड़ा जाए। सख्ती से काफी हद तक व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी। साथ ही सड़कें बेहतर करनी होंगी, ट्रैफिक जाम न लगे इसके उपाय ढूंढने होंगे। चौराहों पर सबसे अधिक प्रदूषण की समस्या है। क्योंकि कई बार काफी देर तक वाहन रूके रहते हैं।
भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के संगठन मंत्री दिनेश नागपाल कहते हैं कि दस साल से अधिक पुराने वाहनों पर रोक लगाने से भारी नुकसान होगा। मध्यम वर्ग के अधिकतर लोग कार की सुविधा का लाभ नहीं उठा पाएंगे।
सेक्टर 14 आरडब्ल्यूए के महासचिव व उद्योगपति दिनेश अग्रवाल कहते हैं कि शहर में प्रदूषण फैलने के पीछे एक मुख्य वजह बिजली गुल होना भी है। कई वाहनों के बराबर एक जनरेटर से प्रदूषण फैलता है। मजबूरी में लोग जनरेटर चलाते हैं। आवश्यकता कि सुविधाएं बेहतर करने की। थ्री व्हीलरों से प्रदूषण काफी फैलता है। यदि शहर में आंतरिक परिवहन की व्यवस्था मजबूत हो फिर अपने आप ही थ्री व्हीलरों की संख्या कम हो जाएगी। साथ ही प्रशासन को सख्ती दिखाई पड़ेगी।