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पीएफ डिफाल्टर प्रतिष्ठानों पर गिरने लगी गाज

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : पीएफ डिफाल्टर प्रतिष्ठानों के ऊपर गाज गिरनी शुरू हो गई है। मंगलवार को आइए

By Edited By: Published: Wed, 04 Mar 2015 07:17 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2015 07:17 PM (IST)

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : पीएफ डिफाल्टर प्रतिष्ठानों के ऊपर गाज गिरनी शुरू हो गई है। मंगलवार को आइएमटी मानेसर के सेक्टर सात स्थित एक प्रतिष्ठान के मालिक को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद जेल जाने से बचने के लिए उसने शाम होते-होते बकाया राशि का ड्राफ्ट अपने एक मित्र के माध्यम से जमा करा दिया।

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गुड़गांव जोन के अंतर्गत 935 प्रतिष्ठान डिफाल्टर सूची में शामिल हैं। सभी के ऊपर करोड़ों रुपये बकाया है। जमा कराने के लिए डिमांड नोटिस जारी करने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। काफी संख्या में प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। नोटिस देने के बाद भी बकाया राशि जमा नहीं कराने वाले प्रतिष्ठानों के संचालकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसी क्रम में रीजनल कमिश्नर (ग्रेड 1) राजीव बिष्ट ने मंगलवार को इंफोर्समेंट आफिसर रॉबिन बनर्जी के नेतृत्व में टीम बनाकर आइएमटी मानेसर के सेक्टर सात स्थित एक प्रतिष्ठान में भेजा। टीम के पहुंचने के बाद भी प्रतिष्ठान मालिक बकाया राशि जमा कराने को राजी नहीं हुआ। फिर उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। प्रतिष्ठान के ऊपर लंबे समय से दो लाख 28 हजार रुपये से अधिक बकाया था। अब प्रतिदिन किसी न किसी इलाके में इंफोर्समेंट टीम जाएगी। यदि मौके पर ही बकाया राशि जमा करा दी गई तो ठीक नहीं तो गिरफ्तार कर लिया जाएगा। नियमानुसार गिरफ्तारी के बाद यदि कुछ घंटों के भीतर आरोपी बकाया राशि जमा करा देता है फिर छोड़ने का प्रावधान है।

प्रतिष्ठानों में मचा हड़कंप

एक प्रतिष्ठान मालिक की गिरफ्तारी की खबर गुड़गांव जोन में जंगल में आग की तरह फैल चुकी है। इसके बाद से बकाया राशि का ड्राफ्ट जमा कराने की होड़ लगी हुई है। जिसके पास पैसे नहीं हैं वह अपने मित्रों या अन्य जानकारों से पैसे लेकर जमा कराने लगा है। बताया जाता है कि होली का त्योहार होने की वजह से मालिकों में हड़कंप है। डर है कि यदि गिरफ्तारी हो गई फिर कहीं जेल में न होली मनानी पड़ जाए।

बकाया जमा करें अन्यथा कार्रवाई

''दायरे में आनेवाले सभी प्रतिष्ठानों के संचालकों को जानकारी दी जा चुकी है कि हर हाल में हर महीने निर्धारित समय के दौरान बाकी राशि जमा कराएं। इसके बाद भी कुछ लापरवाह हैं। यह लापरवाही दायरे में आनेवाले कर्मियों के ऊपर काफी भारी पड़ती है। इसे देखते हुए अब जहां भी बकाया राशि है उसके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है।''

- धनवंत सिंह, रीजनल पीएफ कमिश्नर (ग्रेड 2), गुड़गांव।


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