शहर को बिजली संकट दे गई बारिश
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : साइबर सिटी में बारिश आई और चली गई लेकिन कई इलाकों में बिजली संकट कायम है।
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : साइबर सिटी में बारिश आई और चली गई लेकिन कई इलाकों में बिजली संकट कायम है। चार दिन बाद भी बिजली निगम अधिकारी व्यवस्था को दुरुस्त करने में नाकामयाब हैं। इसका सबसे बड़ा प्रमाण है सरहौल, सेक्टर 18 सहित कई इलाके। बिजली की आंखमिचौनी ने लोगों का जीना मुश्किल कर रखा है।
चार दिन पूर्व रविवार को हुई झमाझम बारिश के दौरान जिले में 100 से अधिक फीडर ब्रेक डाउन के शिकार हो गए थे। काफी संख्या में ट्रांसफार्मरों में भी गड़बड़ी की शिकायत आ गई थी। इस वजह से शहर के कई इलाके के लोगों को काफी परेशानी हुई थी। कुछ इलाकों में चार दिन बाद भी बिजली की आंखमिचौनी जारी है। इनमें सरहौल एवं सेक्टर 18 सहित आसपास के कई इलाके शामिल हैं। लोगों की शिकायत है कि बार-बार शिकायत करने के बाद भी अधिकारी समाधान करने को राजी नहीं। गांव सरहौल निवासी मनीष कुमार एवं देवराज ने बताया कि दिन की बात दूर रात में भी बार-बार बिजली आती-जाती रहती है। कई बार वोल्टेज इतना कम रहता है जैसे बिजली है ही नहीं। कई बार इतना तेज वोल्टेज आता है कि बिजली से चलने वाले उपकरणों के जलने की आशंका होने लगती है। इस बारे में शिकायत करने पर जवाब मिलता है कि जल्द होगा समाधान। सेक्टर 18, सेक्टर 22, सेक्टर 23, पालम विहार, सेक्टर 31, साउथ सिटी एवं सुशांत लोक इलाके में भी बिजली की आंखमिचौली की समस्या है। स्थानीय लोगों का कहना है कि गुड़गांव में अनुभवी अधिकारियों को लगाना चाहिए न कि नए को। नए को इलाके को समझने में ही समय लग जाता है। शिकायत करने पर पूछा जाता है कि अमूक इलाका कहां हैं। सेक्टर 22 में रह रहे एक मल्टीनेशनल कंपनी में इंजीनियर राजेश मित्तल कहते हैं कि गुड़गांव में न नए अधिकारी चलेंगे और न ही ढीले। यहां पर अनुभवी व तेजतर्रार अधिकारियों को तैनात करना होगा जो कम से कम समय में इलाके के साथ ही सिस्टम को समझ ले। एक दिन तेज बारिश हो गई उसका खामियाजा लोगों को कई दिनों तक भुगतना पड़ता है।
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बर्दाश्त नहीं लचर रवैया
''बिजली निगम के फील्ड अधिकारियों से स्पष्ट कह दिया गया है कि लचर रवैया बर्दाश्त नहीं। यदि गुड़गांव में रहना है तो काम करना होगा अन्यथा बाहर जाने के बारे में सोचें। बारिश के दौरान सिस्टम में गड़बड़ी आना बड़ी बात नहीं लेकिन गड़बड़ी घंटों या कई दिनों तक रहे, यह गंभीर मामला है।''
- अरुण कुमार वर्मा, प्रबंध निदेशक, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम।