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शहर से हटाये जाएंगे अवैध विज्ञापन

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : नगर निगम शहर में लगे सभी विज्ञापनों का सर्वे कराने में जुट गया है। इस

By Edited By: Published: Sat, 28 Feb 2015 06:49 PM (IST)Updated: Sat, 28 Feb 2015 06:49 PM (IST)
शहर से हटाये जाएंगे अवैध विज्ञापन

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : नगर निगम शहर में लगे सभी विज्ञापनों का सर्वे कराने में जुट गया है। इस सर्वे के जरिये पता लगाया जाएगा कि शहर में कितने अवैध विज्ञापन लगाए गए हैं। उन विज्ञापनों का सफाया कराया जाएगा। विज्ञापन संबंधी कानूनी मामलों को भी निगम जल्द से जल्द निबटाने की तैयारी में है। इसके पीछे निगम की मंशा है कि विज्ञापन से अधिक से अधिक राजस्व उसके खजाने में आए।

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निगमायुक्त विकास गुप्ता ने अपनी तैनाती के बाद से ही अनधिकृत विज्ञापन सामग्री के सफाए को लेकर अपने तीखे अंदाज जाहिर कर दिए थे। सबसे पहले उन्होंने विज्ञापन की ओट में खेल खेलने वाले अधिकारियों के पर कतरे और उन्हें विज्ञापन टीम से बाहर किया। इसके बाद इसमें नए अधिकारियों की इंट्री दी। साथ ही यह ख्याल रखा कि इन अधिकारियों ने पहले विज्ञापन का काम तो नहीं किया। अब नए अधिकारी निगमायुक्त की मंशा के अनुसार अनधिकृत विज्ञापन सामग्री के सफाए में जुट गए हैं। इसके लिए सर्वे कर यह पता लगाया जा रहा है कि शहर में कुल कितने विज्ञापन लगे हैं। इनमें से कितनों ने अनुमति ली है और कितनों ने नहीं। साथ ही जिन्होंने अनुमति ली है उन्होंने कितनी साइज की फीस भरी और मौके पर कितनी साइज के विज्ञापन लगे हैं। पूर्व के कुछ अधिकारी अधिक साइज के विज्ञापन लगाकर इस खेल में लिप्त थे। इस मामले की जांच अंदरखाने चल भी रही है। सर्वे उपरांत निगम बड़े स्तर पर अनधिकृत विज्ञापन सामग्री हटाने का अभियान चलाएगा। साथ ही जो भी मामले कोर्ट में हैं उसके लिए निगम वकील अपना पक्ष रखकर इसे खत्म कराएंगे। निगमायुक्त विकास गुप्ता का कहना है कि अनधिकृत विज्ञापन किसी के भी हों बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। इनके खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। साथ ही मामला तक दर्ज कराने के निर्देश दे रख हैं।

वसूली वालों पर नजर

हाल ही में विज्ञापन के एवज में वसूली करने वाला एक निगम का ठेके का कर्मी पुलिस के हत्थे चढ़ा था। निगम अधिकारियों ने ही इस कर्मी को पकड़कर पुलिस को सौंपा था। उसने बताया कि पूर्व अधिकारी जमकर मलाई काटते थे। उनके जाने के बाद उसने भी उसी रास्ते पर चलने का प्रयास किया। हालांकि जांच की जाए तो पता चल सकता है कि इस खेल में निगम के कितने पूर्व अधिकारी शामिल थे।


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