राष्ट्रगान के मूल स्वरूप को बनाए रखने की मुहिम जारी
जागरण संवाददाता, गुड़गांव: शहर के निरवाना कंट्री निवासी लॉरेन और ऑब्रे ऑलीशस ने राष्ट्र गान की
जागरण संवाददाता, गुड़गांव:
शहर के निरवाना कंट्री निवासी लॉरेन और ऑब्रे ऑलीशस ने राष्ट्र गान की मूल भावना व स्वरूप को बचाए रखने के लिए जो मुहिम चलाई है, उसमें बड़ी संख्या में लोग जुड़ने लगे हैं। शुक्रवार को एपीसेंटर में 'कम इंडिया सिंग' समारोह में बड़ी संख्या में संगीत की समझ रखने वाले लोग शामिल हुए। लॉरेन और ऑब्रे जन गण मन को उसके असली स्वरूप में लोगों के सामने पेश करते हैं। उनका कहना है कि संगीत के साथ प्रयोग करने के लिए और भी गाने हैं, लेकिन राष्ट्र गान के असली स्वरूप से छेड़छाड़ न की जाए। ऐसे में उन्होंने विभिन्न स्थानों पर अभियान चलाया है।
एपीसेंटर में हुए कार्यक्रम में मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल, पाथवेज वर्ल्ड स्कूल, सन सिटी वर्ल्ड स्कूल, स्कॉटिश हाई इंटरनेशनल स्कूल व रिज वैली स्कूल के विद्यार्थियों ने जबरदस्त संगीतमय प्रस्तुतियां दीं।
क्या है मुहिम
लॉरेन ने जब राष्ट्र गान 'जन गण मन' सुना था, तो उन्हें लगा कि इससे बेहतर संगीत का कोई नमूना नहीं हो सकता है, लेकिन उन्हें दुख होता है कि कोई भी इसे सही तरीके से नहीं गाता। उनका कहना है कि संगीत के बड़ बड़े दिग्गज भी इसके मूल सुर में इसे न गाकर इसे बिगाड़ रहे हैं जबकि इसका पहला नियम यह है कि इसे मात्र 52 सेकेंड में खत्म करना होता है। उनके मुताबिक प्रयोग करने के लिए बहुत चीजें पड़ी हैं, लेकिन उन्हें राष्ट्र गान से छेड़छाड़ कतई रास नहीं आता। लॉरेन जो भी करना चाहती हैं, उसमें उनके पति ऑब्रे उनका पूरा सहयोग करते हैं। आज सुर के क्षेत्र में उनका नाम है और वे दुनिया भर के लोगों को संगीत के माध्यम से पास लाने का काम कर रही हैं। कोंकणी संगीत की सरताज रही हेलन डी क्रूज की बेटी लॉरेन ने संपीत की शुरुआती शिक्षा अपनी मां से ही ली। आज वे शहर ही नहीं, बल्कि देश भर में संगीत की उन बारीकियों को सिखा रही हैं, जिन पर लोग ध्यान नहीं देते और भारतीय शास्त्रीय संगीत का स्वरूप इसकी वजह से बिगड़ता जा रहा है। उन्हें पता है कि संगीत सकारात्मक सोच पैदा करता है व जीवन को अनुशासन में रखता है। ऐसे में हर किसी को संगीत से जुड़ना चाहिए।