गुड़गांव से मुंह मोड़ने लगीं औद्योगिक कंपनियां
आदित्य राज, गुड़गांव : औद्योगिक क्षेत्र के रूप में दुनिया में पहचान बनाने वाले गुड़गांव का आकर्षण अब फ
आदित्य राज, गुड़गांव : औद्योगिक क्षेत्र के रूप में दुनिया में पहचान बनाने वाले गुड़गांव का आकर्षण अब फीका पड़ने लगा है। जिन इकाइयों की बदौलत दुनिया में गुड़गांव का नाम है, उनका विस्तार गुड़गांव में नहीं, बल्कि गुजरात में हो रहा है या होने वाला है। इसके पीछे मुख्य कारण दिन प्रतिदिन बढ़ रहा श्रमिक-प्रबंध विवाद है।
गुड़गांव की पहचान मुख्य रूप से मारुति सुजुकी, होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड एवं हीरो मोटो कॉर्प की वजह है। इन्हीं तीनों कंपनियों के नीचे गुड़गांव में हजारों छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं। तीनों की बदौलत ही गुड़गांव प्रदेश में राजस्व के मामले में नंबर एक है। पिछले कुछ वर्षो से श्रमिक विवाद दिन प्रतिदिन गहराते जा रहे हैं। औद्योगिक इकाइयां कहीं न कहीं हर स्तर पर समझौता करके काम कर रही हैं। तीनों बड़ी कंपनियां श्रमिक विवादों की आग में कई बार बुरी तरह झुलस चुकी है। इस वजह से कुछ वर्ष पहले तक गुड़गांव में औद्योगिक विकास की जो रफ्तार थी वह नहीं रही। दूसरी तरफ तीनों बड़ी कंपनियों ने गुजरात में विस्तार की योजना बना रखी है। होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर्स का सबसे बड़ा ही गुजरात में लगेगा। प्लांट विकसित करने का काम भी शुरू हो चुका है। इसमें सालाना 12 लाख टू-व्हीलर का उत्पादन होगा। हीरो मोटो कॉर्प द्वारा भी गुजरात में जमीनी खरीदने की सूचना है। मारुति सुजुकी ने दो दिन पूर्व ही गुजरात में भूमि पूजन किया है। इन तीनों कंपनियों को देखते हुए गुड़गांव की काफी औद्योगिक इकाइयां भी गुजरात में जमीन तलाश रही हैं।
गुजरात में औद्योगिक विवाद जीरो स्तर पर
जानकार बताते हैं कि हरियाणा की अपेक्षा गुजरात में औद्योगिक विवाद जीरो स्तर पर है। श्रमिक एवं प्रबंधन के बीच दोस्ताना माहौल है। किसी भी समस्या का समाधान दोनों बैठकर आसानी से कर लेते हैं। बहुत ही कम मामले होते हैं, जिसमें प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ता है। कानून व्यवस्था की हालत भी यहां से बेहतर बताई जाती है। बिजली एवं पानी की कोई समस्या नहीं। कुछ वर्ष पहले तक गुड़गांव व आसपास भी बेहतर माहौल था। पिछले कुछ वर्षो के दौरान औद्योगिक विवाद की वजह से गुड़गांव की काफी बदनामी हुई है। आबकारी एवं कराधान विभाग से सेवानिवृत्त अतिरिक्त आयुक्त चौधरी अनूप सिंह कहते हैं कि गुड़गांव में ऑटोमोबाइल सेक्टर का सालाना कारोबार 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक है। इनमें से अधिकांश हिस्सा मारुति, होंडा एवं हीरो मोटो कॉर्प का है। ये तीनों कंपनी ही गुड़गांव में ऑटोमोबाइल सेक्टर का आधार स्तंभ हैं।
एक्सपोर्ट के हिसाब से गुजरात बेहतर
होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट (एचआर) हरभजन सिंह कहते हैं कि गुजरात एक्सपोर्ट के हिसाब से भी बेहतर है। महासागर पास होने की वजह से आयात-निर्यात में काफी आसानी होती है। आज की तिथि में गुजरात में औद्योगिक विकास के लिए सबसे बेहतर माहौल है। इस वजह से देश के भीतर गुजरात पूरी दुनिया के निवेशकों का आकर्षण का केंद्र है। औद्योगिक विवादों सहित कई समस्याओं की वजह से गुड़गांव की पहचान कमजोर होती जा रही है। कारोबारी कारोबार वहीं करना चाहते हैं या बढ़ाना चाहते हैं जहां उन्हें सुरक्षित माहौल दिखाई देता है। इस मामले में गुड़गांव की स्थिति पिछले कुछ वर्षो के दौरान काफी कमजोर हुई है।