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पानी बचाने को पसीना बहा रहे दीप

प्रियंका दुबे मेहता, गुड़गांव: पर्यावरण व जल संरक्षण के प्रति जागरूकता की कितनी आवश्यकता है, यह

By Edited By: Published: Wed, 28 Jan 2015 06:09 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jan 2015 06:09 PM (IST)
पानी बचाने को पसीना बहा रहे दीप

प्रियंका दुबे मेहता, गुड़गांव:

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पर्यावरण व जल संरक्षण के प्रति जागरूकता की कितनी आवश्यकता है, यह घटते जलस्तर के आंकड़ों से पता चलता है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर हमारी मौजूदा जीवन शैली में पानी की बर्बादी इसी तरह जारी रही तो आने वाली पीढि़यों को पानी नसीब नहीं होगा। इससे चिंतित पालम विहार निवासी दीप मलिक ने लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है।

जल संरक्षण ही नहीं, पर्यावरण संरक्षण के लिए अपनी जिम्मेदारी को समझने से लेकर उसे निभाने के लिए तत्पर रहने वाले दीप इस मुद्दे को बेहद गंभीरता से देखते हैं। आइटी कंपनी में प्रतिष्ठित पद पर कार्यरत दीप आनलाइन जागरूकता फैला रहे हैं। ऐसे में उनके साथ करीब 200 कंपनियां व 500 वालंटीयर्स जुड़े हैं। इन वालंटीयरों के उन्होंने 'ग्रीन एक्टीविस्ट' का नाम दिया है। दीप के मुताबिक इतनी बड़ी संख्या में लोगों व कंपनियों का जुड़ना अपने आप में उनके कदम को सफल साबित कर रहा है। उनके मुताबिक हमारे प्रदेश में जहां पानी की समस्या ज्यादा है ऐसे में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण करके जल संरक्षण करना चाहिए।

ऐसे हुई शुरुआत

दीप को जॉब के चलते यूएस जाने का मौका मिला। वहां जाकर उन्होंने देखा कि पर्यावरण व जल संरक्षण को लेकर लोगों में कितनी जागरूकता है। सबकुछ कितना व्यवस्थित है। पश्चिमी देशों के लोग जल संरक्षण के मुद्दे पर कितने गंभीर हैं और अपनी जीवन शैली में इनको प्रमुखता देते हैं। स्वदेश लौटने पर फिर से वही अनियमितताएं देखने को मिली। तब उन्होंने सोचा कि लोगों में जागरूकता का संचार किया जाए। ऐसे में सोलर ऊर्जा को यूज करने से लेकर रेन वाटर हार्वेस्टिंग के उपयोग पर जागरूकता फैलानी शुरू कर दी। बड़ी संख्या में लोगों तक यह चीजें पहुंचे इसके लिए उन्होंने इंटरनेट का सहारा लिया और वेबसाइट को माध्यम बना लिया। आज उन्हें संतुष्टि है कि वे बड़ी संख्या में लोगों को जागरूक कर चुके हैं।

आगे की योजना

दीप चाहते हैं कि आगे चलकर वे देश के कोने-कोने में जल संरक्षण को बढ़ावा दें। इसके अलाव गांव-शहर के हर वर्ग में सौर ऊर्जा के गैजेट्स हों इसके लिए काम करेंगे। उन्होंने इन कामों के लिए सिंटेक्स व टाटा सोलर पावर जैसी कंपनियों से भी टाई अप करने की योजना बनाई है।


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