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सरकारी जमीनों पर कब्जे को लेकर मेयर सख्त

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : इंजीनियरिंग विंग की कार्यशैली पर सवाल उठाने के साथ उनकी क्लास लेने के

By Edited By: Published: Tue, 27 Jan 2015 08:09 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jan 2015 04:01 AM (IST)
सरकारी जमीनों पर कब्जे को लेकर मेयर सख्त

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : इंजीनियरिंग विंग की कार्यशैली पर सवाल उठाने के साथ उनकी क्लास लेने के बाद मेयर विमल यादव ने अब संयुक्त आयुक्त को निशाने पर लिया है। मंगलवार को अपने कार्यालय में संयुक्त आयुक्त को तलब कर उन्हें साफ शब्दों में चेता दिया कि निगम की जमीन पर कब्जे हटवाने में लापरवाही अब नहीं चलेगी। बादशाहपुर स्थित सरकारी जमीन पर उन्होंने तुरंत कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

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लंबे समय बाद मेयर ने संयुक्त आयुक्त व नायब तहसीलदार को अपने कार्यालय तलब किया। अभी तक यह अधिकारी मेयर कार्यालय आने से कतराते थे। मेयर विमल यादव के बुलावे पर संयुक्त आयुक्त वाईएस गुप्ता, प्रदीप कुमार, नायब तहसीलदार दीपचंद यादव उनके कार्यालय पहुंचे। मेयर ने कहा कि बादशाहपुर में मुस्तिल नंबर 108 राजस्व रास्ते वाली जमीन पर कब्जा हटाने में क्यों लापरवाही की जा रही है। यह अधिकारियों की लापरवाही है कि वह अपनी जमीन को लेकर जरा भी गंभीर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कब्जे हटाने के साथ ही अपनी जमीन की तार फेंसिंग कराएं एवं वहां निगम स्वामित्व का बोर्ड भी लगवाएं। साथ ही कब्जा करने वालों पर कानूनी कार्रवाई करें। साथ ही अतिक्रमण करने वालों को धारा 408 के नोटिस भी दें। मेयर ने कहा कि एमजी रोड स्थित एसबीआई के पीछे का मामला हो या फिर राजेंद्र पार्क विष्णु गार्डन के समीप अनधिकृत रूप से प्लाटिंग का निगम का अतिक्रमण विरोधी दस्ता कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। मेयर ने साफ शब्दों में कहा कि वह सेवानिवृत्त स्टाफ एवं सालों से यहां जमे अपने करीबियों के साथ मिलकर अपना हित साधने पर ध्यान न दें। साथ ही वह राजनीति भी न करें वरना फिर उन्हें सख्त कदम उठाना होंगे। मेयर ने नायब तहसीलदार दीपचंद को कहा कि वह बादशाहपुर की निगम जमीन पर कब्जे संबंधित सारे दस्तावेज व रिपोर्ट जल्द मेयर कार्यालय भेजें। जितने भी बिल्डरों ने निगम जमीन पर कब्जा कर रखा है उसकी भी सूची उन्हें दें।

राजस्व बढ़ाने पर दें जोर

मेयर विमल यादव ने कहा कि अधिकारी सिर्फ खर्च करने पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। इसके चलते आने वाले समय में निगम खजाना खाली हो जाएगा। इसके चलते प्रापर्टी टैक्स, ट्रेड लाइसेंस, फायर एनओसी, विज्ञापन, स्टांप डयूटी सहित अन्य मद से वसूली पर सभी जोर दें। इसके लिए लगातार शिविर आहूत करें और लोगों की समस्याएं भी दूर करें।


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