रोड पर मलबा, लोग हलकान
जागरण संवाददाता, गुड़गांव: शहर में चल रहे निर्माण कार्यो से निकलने वाला मलबा सार्वजनिक जगहों पर डा
जागरण संवाददाता, गुड़गांव: शहर में चल रहे निर्माण कार्यो से निकलने वाला मलबा सार्वजनिक जगहों पर डाला जा रहा है। कई जगह तो रोड पर ही पसरा हुआ है। इससे आवाजाही में दिक्कत तो हो ही रही है, हवा के साथ मलबे से उड़ने वाली धूल मिट्टी आसपास के घरों में जा रही है। लोग इसकी लगातार शिकायत कर रहे हैं। लेकिन निगम अधिकारी पूरी तरह निष्क्रिय बने हुए हैं।
नगर निगम लंबे समय से मलबा ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने की योजना बना रहा है। आज भी यह योजना फाइलों में ही कैद है। साथ ही मलबा डालने के लिए निगम ने कोई जगह तय नहीं की है। इसके चलते लोग मलबा सार्वजनिक जगह डालने को मजबूर हैं। हालात यह है कि पुराने मकानों के जीर्णोद्वार के बाद निकलने वाले मलबा भी लोग गलियों व रोड पर डाले हुए हैं। इससे आवाजाही में दिक्कत आ रही है। साथ ही आसपास रहने वाले लोग इस मलबा के कारण खासे परेशान हैं। हवा चलने पर तो पड़ोसियों को अपने मकान की खिड़की व दरवाजे बंद करके रखना पड़ते हैं।
चालानी कार्रवाई क्यों नहीं
पटेल नगर रहने वाले संजय सिंह चौहान का कहना है कि दिल्ली में सार्वजनिक जगह मलबा डालने पर निगम अधिकारी चालानी कार्रवाई करते हैं। इसी प्रकार का कदम यहां भी उठाना चाहिए। सेक्टर 15 के राजेश शर्मा का कहना है कि निगम की लापरवाही के कारण लोगों ने ग्रीन बेल्ट से लेकर सड़क को निजी संपत्ति समझ रखा है। जहां मर्जी होती वहीं पर मलबा डाल देते हैं। शिवाजी नगर के अनुरोध बंसल का कहना है कि सोहना चौक पर तो टनों से मलबा डाला हुआ है लेकिन कोई भी इसे हटाने की दिशा में प्रयास नहीं कर रहा है। इसके चलते शहर की सुंदरता भी बाधित हो रही है।
मामला दिल्ली में लटका
निगम ने मलबा निस्तारण प्लांट बनाने के लिए अरावली पहाड़ी के संरक्षित एरिये की जगह चिन्हित की थी। सुप्रीम कोर्ट में अरावली पहाड़ी का मामला लंबित होने से निगम ने योजना की फाइल अप्रूवल के लिए दिल्ली के पर्यावरण मंत्रालय भेजी थी। ताकि वहां से अनुमति मिलने के बाद वह अरावली पहाड़ी के संरक्षित क्षेत्र में इसका प्लांट लगा सके। अभी तक वहां से कोई जवाब नहीं आया है।