आंगनवाड़ी केंद्रों पर नहीं पढ़ते बच्चे
-मिड-डे-मील मिलने के बाद बच्चे अपने घर चले जाते है -औचक निरीक्षण में एक भी नौनिहाल केंद्र पर नहीं
-मिड-डे-मील मिलने के बाद बच्चे अपने घर चले जाते है
-औचक निरीक्षण में एक भी नौनिहाल केंद्र पर नहीं मिले
संवाद सहयोगी, फिरोजपुर झिरका :
बेहतर अक्षर ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रदेश के विभिन्न आगनबाड़ी केंद्रों पर जाने वाले अधिकाश नौनिहाल यहा पर मिलने वाले मिड-डे-मील मिलने के बाद अपने-अपने घरों को चले जाते है। अधिकाश आगनबाड़ी केंद्रों पर यही हाल है कि इधर मिड-डे-मील मिला और उधर इन बच्चों के अभिभावक इनको लेने के लिए आ जाते है। ऐसे में जहा एक ओर सबसे ज्यादा परेशान आगनवाड़ी कार्यकर्ता को होती है वहीं दूसरी ओर नौनिहाल अक्षर ज्ञान भी सही प्रकार से प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। बता दें कि प्रदेश के गाव-गाव के साथ-साथ कस्बों एवं शहरों में नौनिहालों को अक्षर ज्ञान सिखाने के साथ-साथ स्कूलों में जाने की आदत शुरू से ही डालने के लिए आगनबाड़ी केंद्रों पर भेजा जाता है। इन आगनबाड़ी केंद्रों पर बाल विकास परियोजना विभाग द्वारा लगाई गई आगनवाड़ी कार्यकर्ता इन नौनिहालों को अक्षर ज्ञान देती है। इनको चार्ट के माध्यम से गिनती, टेबल सिखाने के साथ-साथ इनको लिखना भी सिखाती है। अधिकाश आगनबाड़ी केंद्रों पर यदि देखा जाए तो इन नौनिहालों को इनके अभिभावक एक तो देरी से भेजते है। यदि ग्रामीण इलाकों के साथ-साथ मेवात के अधिकाश कस्बों में देखा जाए तो ये बच्चे तब तक ही आगनबाड़ी केंद्रों पर दिखाई देते है, जब तक कि इनको मिड-डे-मील नहीं मिलता। उसके बाद ये अपने घरों की तरफ रुख कर लेते हैं। ऐसे में यदि आगनबाड़ी कार्यकर्ता इन बच्चों से या फिर इनके अभिभावकों से मना करते है तो उल्टा उनको ही दो चार बातें सुनने को मिलती है। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लोगों के दबाव में अधिकांशत: निर्धारित समय से पहले ही मिड-डे-मील बनवा कर बंटवा देती है। इस बात का खुलासा हाल ही में हुआ है। जब एसडीएम डीआर कै रो ने शहर के तीन आगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण किया तो उनको एक भी नौनिहाल आगनवाड़ी केंद्रो पर नहीं मिला। जबकि इन कें द्रो पर कार्यकर्ता एवं सहायिका मौजूद थी। यही आलम दोहा गाव के एक आगनवाड़ी केंद्र का था। जहा पर कि शनिवार को जब एसडीएम कैरो पहुचे तो इस केंद्र पर भी एक भी नौनिहाल अक्षर ज्ञान लेते नहीं मिला। इतना ही नहीं बल्कि यहा पर उनको आगनवाड़ी कार्यकर्ता भी नहीं मिली।
क्या कहती हैं अधिकारी :
बाल विकास परियोजना अधिकारी अनुपम हस का कहना है कि सभी आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आदेश दिए हुए है कि वे निर्धारित समय पर ही आगनबाड़ी केंद्रो पर राशन बनवाकर बच्चों को वितरित कराएं व उनको शिक्षित करे। आगनबाड़ी केंद्रों की वे स्वयं भी जाच करेंगी।