विद्यार्थियों ने दिया पर्यावरण जागरूकता संदेश
फोटो - 17 जीयूआर 19 जेपीजी में। - विद्यार्थियों ने कागज के बैग बनाकर दुकानदारों में वितरित किए
फोटो - 17 जीयूआर 19 जेपीजी में।
- विद्यार्थियों ने कागज के बैग बनाकर दुकानदारों में वितरित किए
जागरण संवाददाता, गुड़गांव :
'वातावरण को प्रदूषण से बचाना है तो पालीथिन के उपयोग बंद करना ही होगा। यह बहुत आवश्यक है कि पॉलीथिन बिलकुल बैन हो जाए। पॉलीथिन की बजाए अन्य विकल्पों को उपयोग में लाएं। पॉलीथिन से सफाई व्यवस्था भी प्रभावित होती है तथा इससे प्रदूषण भी बहुत बढ़ता है। बच्चों से लेकर बड़ों तक को पॉलीथिन के प्रति जागरूक होना होगा और शहर को पॉलीथिन रहित बनाकर उसे प्रदूषण मुक्त रख सकते हैं। प्लीज से नो टू पॉलीबैग्स।', यह नारे जोर शोर से सेक्टर 14 व चंदन नगर में गूंज रहे थे। हर कोई रुककर यह सब सुनना चाह रहा था। यह बातें सेक्टर 14 स्थित राजकीय महिला महाविद्यालय की एनएसएस की छात्राएं कह रही थी। उन्होंने रैली निकालकर लोगों को पॉलीथिन के नुकसान बताए व जागरूकता फैलाई।
कालेज की करीब 150 छात्राओं ने रैली निकालकर न केवल पर्यावरण जागरूकता संदेश दिया बल्कि लोगों में पॉलीथिन के विकल्प के रूप में कपड़े व कागज के बैग वितरित किए। इन छात्राओं ने चंदन नगर बस्ती, सेक्टर 14 व अन्य स्थानों पर बड़ी संख्या में बैग दिए। इस दौरान छात्राओं ने दुकानदारों को भी जागरूक किया और कहा कि पॉलीथिन देना अगर वे ही बंद कर देंगे तो अपने आप इसका उपयोग कम हो जाएगा। छात्राओं ने इन दुकानदारों को भी बैग वितरित किए।
कालेज की एनएसएस की तीनों यूनिट की छात्राओं ने रैली निकाली। इससे पहले सुबह के सत्र में इन छात्राओं ने आत्म रक्षा के गुर सीखे। इन छात्राओं के मुताबिक आत्मरक्षा के गुर सीख कर उनमें आत्मविश्वास का संचार हुआ है। इस बारे में बताते हुए छात्रा मनीषा ने कहा कि एनएसएस से जुड़कर उनकी जिंदगी में बदलाव आए ्रऔर वे पहले से ज्यादा कांफिडेंट हो गई हैं। छात्रा स्वाति व नैनीस के मुताबिक एनएसएस में रहते हुए जिस तरह से वे जागरूकता का काम कर रही हैं व आत्मरक्षा के गुर आदि सीख रही हैं उसमें उनके व्यक्तित्व का विकास हो रहा है। इन छात्राओं को पिछले पांच दिनों से एनएसएस प्रभारी योगिता बजाज, मंजू व संगीता भाटिया ने कहा कि यह रैली व आत्मरक्षा का प्रशिक्षण सात दिवसीय एनएसएस शिविर का हिस्सा है और वे समय समय पर इन छात्राओं को प्रशिक्षित करते रहते हैं।