एक कदम स्वच्छता की ओर
प्रवीण कुमार, मेवात : देशव्यापी स्वच्छता अभियान अब माडल शौचालयों की बैशाखी के सहारे आगे बढ़ेगा। पूर्
प्रवीण कुमार, मेवात : देशव्यापी स्वच्छता अभियान अब माडल शौचालयों की बैशाखी के सहारे आगे बढ़ेगा। पूर्ण स्वच्छता के लिए यह कदम उठाया गया है। जलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग ने स्वच्छता अभियान के तहत घरों में शौचालयों को अनिवार्य कर दिया है। समाज के हर वर्ग, तबके के लोगों को घरों में शौचालय बनाने के लिए सरकारी अनुदान प्रदान किया जाएगा। हालंाकि यह अनुदान पहले भी दिया जा रहा था, प्रक्रिया पेचीदा होने के कारण लोग इस पचड़े में पड़ने से बच रहे थे। स्वच्छता अभियान के तहत अब अनुदान प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल भी बनाया गया है। इस अनुदान के पात्र केवल सरकारी नौकरी मे सेवारत और पांच एकड़ जमीन या इससे अधिक के मालिक नहीं होंगे। योजना का जोर-शोर से प्रचार शुरू कर दिया गया है।
इससे पहले निर्मल भारत अभियान के तहत साफ-सफाई की व्यवस्था संभाली जा रही थी। दो अक्टूबर को गांधी जयंती से इसका नाम बदलकर स्वच्छता अभियान कर दिया गया है। इसके साथ ही एनबीए विभाग का अस्तित्व खत्म कर इसका नाम भी स्वच्छ भारत मिशन कर दिया गया है।
योजना में उलझ रहे थे लोग
निर्मल भारत अभियान के तहत भी शौचालय बनाने की व्यवस्था थी, लेकिन अनुदान कई मदों में अलग-अलग योजनाओं के तहत दिया जा रहा था। पात्र लोगों को लेबर और कच्चे माल के लिए मनेरगा के तहत 4500 रुपये प्रदान किए जा रहे थे। बकाया काम के लिए 4600 रुपये एनबीए की ओर से तथा नौ सौ रुपये बेनिफिसरी दिया जा रहा था। इस तरह पैसा लेने में पात्रों के पसीने छूट रहे थे। ऐसे लोगों की शिकायत रही कि 4500 रुपये मिलने के बाद एनबीए व दूसरे मद में जारी राशि उन्हें मिली ही नहीं। इस कारण उक्त योजना असफल रही।
अब मिलेंगे 12 हजार रुपये :
नई योजना के तहत शौचायल बनाने के लिए 10 हजार रुपये की बजाय 12 हजार रुपये मिलेंगे, वह भी एक ही मद में एकमुश्त। स्वच्छता अभियान के प्रभारी ईश्वर सिंह डागर ने बताया कि शौचायल बनाने के लिए अब केवल स्वच्छ भारत मिशन के तहत ही पात्रों को एकमुश्त राशि प्रदान की जाएगी। इसमें दो हजार रुपये की बढ़ोतरी कर इसे 12 हजार रुपये किया गया है।
ऐसे प्राप्त करें अनुदान
शौचायल का अनुदान प्राप्त करने के लिए पहले इसका निर्माण कराना होगा। इसकी रिपोर्ट गांव के सरपंच, वार्ड पार्षद से करने के बाद बीडीपीओ या दूसरे संबंधित अधिकारी से इसकी जांच करानी होगी। जांच करने के उपरांत अधिकारी विभाग में रिपोर्ट करेगा। उसके बाद संबंधित व्यक्ति के खाते में राशि तत्काल ट्रांसफर कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने खाता नहीं खुलवाया है तो जन-धन योजना के तहत शून्य राशि से खाता खुलवाया जा सकता है। बिना बैंक खाता के राशि जारी नहीं की जाएगी। इसके लिए आधार कार्ड का होना भी अनिवार्य है।
दो गड्ढों का बनाना होगा शौचालय
शौचालय बनाते समय यह भी ध्यान रखना होगा कि इसे दो गड्ढों का बनाया जाए। इसके दो फायदे होंगे। एक तो लंबे समय तक शौचालय की परेशानी से बचा जा सकेगा, दूसरे इससे वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जा सकेगा। डागर ने बताया कि पहला गढ्डा भरने के बाद इसे छह महीने से लेकर एक साल तक बंद रखना होगा, ताकि बेहतर खाद तैयार हो सके।
''पूर्ण स्वच्छता के लिए यह पहल की गई है। एकमुश्त राशि प्रदान की जाएगी, ताकि लोगों को कोई दिक्कत न हो। शौचालय बनाने से दोहरा लाभ होगा। एक तो स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा, दूसरा आसानी से बेहतर वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जा सकेगा। जो किसी भी उर्वरक से ज्यादा शक्तिशाली है और जमीन को अधिक उपजाऊ बनाता है। विभाग तैयार है, कोई भी अनुदान के लिए आवेदन कर सकता है।''
-प्रदीप सिंह गोदारा, अतिरिक्त उपायुक्त, एवं परियोजना प्रभारी।