बाटम-आज 48 बरस का हो रहा म्हारा हरियाणा
- विकास की गति को आगे बढ़ाना और सामाजिक समरसता बड़ी चुनौती राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : एक नवंबर को हरि
- विकास की गति को आगे बढ़ाना और सामाजिक समरसता बड़ी चुनौती
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : एक नवंबर को हरियाणा 48 बरस का हो जाएगा। पंजाब से अलग होने के बाद इस प्रदेश ने पिछले दो दशक में आर्थिक और औद्योगिक मोर्चे पर जितनी प्रगति की, उतनी पिछले सालों में आज तक नहीं हो पाई है। तस्वीर का दूसरा पहलू यह भी है कि सामाजिक क्षेत्र में समयानुकूल बदलाव का आधार तैयार नहीं हो पाया है।
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही जहां नई सरकार के सामने पुरानी विकास परियोजनाओं को गति प्रदान करने की चुनौती है, वहीं सामाजिक समरसता बनाए रखने का दबाव भी कम नहीं है। लिंग अनुपात में प्रदेश की बदतर हालत किसी से छिपी नहीं है। दलित उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर भी पिछले सालों में हो-हल्ला मचता रहा है। आनर किलिंग, खापों के तुगलगी फरमान और अंतर जातीय विवाह करने पर गांवों से बहिष्कार के मामलों में हालांकि कमी आई है पर नई सरकार के लिए यह किसी चुनौती से कम नहीं है।
शिक्षा को बदलते दौर के अनुरूप बनाने और संस्कारों में आधुनिकता का पुट डालने पर अभी मेहनत की जरूरत है। खेती को घाटे का सौदा मानने की मानसिकता जहां खत्म करना नई सरकार के लिए जरूरी हो गया है, वहीं महिलाओं खासकर लड़कियों की सुरक्षा एक उत्तरदायित्व भी बन रहा है।
उपलब्धियों के नाम पर गिनवाने के लिए हरियाणा के पास बहुत कुछ है, लेकिन क्षेत्रवाद, वर्गवाद और भेदभाव के आरोपों ने राज्य की प्रगति में अवरोध भी कम पैदा नहीं किए हैं। नई सरकार ने हालांकि समान विकास और वर्गवाद खत्म करने का भरोसा दिलाया है, लेकिन नए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खंट्टर इस भरोसे पर कितना और कब तक खरा उतरते हैं, यह देखने वाली बात है।
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देश की अर्थव्यवस्था में योगदान
- देश की 50 प्रतिशत पैसेंजर कारें हरियाणा में बनती हैं।
- देश की 50 प्रतिशत मोटर साइकिलें हरियाणा में बनाई जाती हैं।
- देश में बनने वाले 30 प्रतिशत फ्रिज हरियाणा में तैयार होते हैं।
- देश में कुल निर्माण होने वाले 25 प्रतिशत ट्रैक्टर हरियाणा बनाता है।
- देश के कुल निर्माण की 25 प्रतिशत साइकिलें एवं सफाई का सामान हरियाणा में बनता है।
- गुड़गांव साफ्टवेयर निर्यात में देश में तीसरे नंबर पर है।