खट्टर होंगे नए मुख्यमंत्री
सत्येंद्र सिंह, गुड़गांव : डेढ़ दशक पहले तक हरियाणा की राजनीति तीन लालों के बीच ही घूमा करती थी। कांग
सत्येंद्र सिंह, गुड़गांव : डेढ़ दशक पहले तक हरियाणा की राजनीति तीन लालों के बीच ही घूमा करती थी। कांग्रेस के पास भजनलाल, इनेलो के पास देवीलाल तथा हरियाणा विकास पार्टी के पास पार्टी के जनक खुद बंसीलाल थे। एक भाजपा ही ऐसी पार्टी थी, जिसके पास कोई लाल नहीं था। लेकिन प्रधान मंत्री ने अपनी चमक दिखा दी। मोदी लहर में भाजपा को भी एक लाल मिल गया। मनोहर लाल खट्टर हरियाणा के नए मुख्य मंत्री घोषित कर दिए गए हैं। फर्क इतना है कि यह लाल गैरजाट समुदाय से है, जबकि इसके पहले प्रदेश की राजनीति के धुरी रहे तीनों लालों में देवीलाल तथा बंसीलाल जाट समुदाय से थे। वहीं भजनलाल गैरजाट वर्ग से थे। जब-जब तीनों लालों ने सूबे की सत्ता संभाली थी, तो जाट व गैरजाट का कार्ड जरूर चला था। असर सरकारी महकमों में तक दिखाई देता रहा। नियुक्ति से लेकर तैनाती तक में जातिवाद के आरोप प्रत्यारोप लगते रहे। चुनावी बयार में भी इस मुद्दे की महक महसूस होती आई है। वे तीनों लाल तो अब नहीं रहे, पर उसके बाद भी सत्ता के गलियारों में जाट फैक्टर का साफ असर दिखा। चाहे वह वर्ष दस साल पहले की चौटाला सरकार रही हो या वर्ष 2005 से दो दिन पहले तक सत्ता संभाल रही हुड्डा सरकार रही हो। लेकिन अब भाजपा से मनोहर लाल खट्टर के रूप में चौथे लाल का उदय हुआ है, जो सबको साथ लेकर चलने पर यकीन करते हैं। चुनाव प्रचार के दौरान दैनिक जागरण से बातचीत वह कह चुके हैं कि वह जातिवाद-क्षेत्रवाद ना करके सबको साथ लेकर चलने पर यकीन करते हैं। मंगलवार को सीएम बनाए जाने की घोषणा के बाद दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने यही बात दोहराई।
गुड़गांव की रिकार्ड जीत में खट्टर
गुड़गांव विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार उमेश अग्रवाल की प्रदेश भर की रिकार्ड जीत में मोदी फैक्टर के साथ-साथ एमएल खट्टर को योगदान रहा है। गुड़गांव में जब वह चुनाव प्रचार में आए उसके बाद से ही पंजाबी बाहुल्य इस सीट पर भाजपा मजबूत हुई। इसका असर मतदान की पेटी खुलने पर दिखाई दिया। जिस किले के बदौलत पंजाबी समुदाय के धर्मवीर चार बार विधायक बन मंत्री बने उसी किले की दीवार वह नहीं बचा सके उनकी जमानत तक जप्त हो गई थी।