फौजी भाइयों ने नहीं दिखाई विधानसभा चुनाव में दिलचस्पी
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले फौजी भाइयों ने विधानसभा चुनाव में दिलचस्
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले फौजी भाइयों ने विधानसभा चुनाव में दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसका प्रमाण है दस प्रतिशत भी पोस्टल बैलेट पेपर का नहीं आना। हां, एक बात यह सामने आई है कि फौजी भाइयों का भी झुकाव भाजपा की तरफ है। चारों क्षेत्रों में फौजियों का मत प्रतिशत भाजपा के पक्ष में अधिक रहा। गुड़गांव विधानसभा क्षेत्र के 408 सर्विस मतों में से 43 गिरे। इनमें से भाजपा को 24, इनेलो को 2, कांग्रेस को 3, बसपा को 1, निर्दलीय गजे सिंह कबलाना को 3 एवं निर्दलीय सुखबीर कटारिया को 10 मत मिले। बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र के 907 सर्विस मतों में से 54 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इनमें से सर्वाधिक 28 भाजपा को एवं 17 इनेलो को प्राप्त हुए। सोहना विधानसभा क्षेत्र में सर्विस मतदाताओं की संख्या 1621 है। इनमें से मात्र 21 अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इनमें से भाजपा को सर्वाधिक 13 मत मिले जबकि इनेलो को 5 मत प्राप्त हुए।
इसी तरह पटौदी विधानसभा क्षेत्र में सर्विस मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक 2987 है। इनमें से केवल 59 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इनमें से भाजपा को सबसे अधिक 50 मत मिले। मालूम हो कि फौजी भाइयों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने में आसानी हो इसके लिए जहां वे नौकरी करते हैं वहीं पर बैलेट पेपर भेजा जाता है। इसे पोस्टल बैलेट पेपर करते हैं। मतगणना शुरू होने से पहले बैलेट पेपर आ जाते हैं उनकी गिनती की जाती है। मतगणना शुरू होने के बाद या संपन्न होने के बाद आने वाले पोस्टर बैलेट पेपर की गिनती नहीं होती है। मतगणना में सबसे पहले सर्विस मतों की ही गिनती की जाती है। चुनाव तहसीलदार नरेश सैनी कहते हैं कि कई बार मतगणना संपन्न होने के बाद भी बैलेट पेपर आते रहते हैं। इनका कोई मतलब नहीं। लोकसभा चुनाव के बैलेट पेपर भी अब तक आते रहते हैं। समय पर जो बैलेट पेपर पहुंचते हैं उनकी ही गिनती की जा सकती है।