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भगवा परचम लहराने से सत्ता का केंद्र बना जिंदल हाउस

आदित्य राज, गुड़गांव : प्रदेश में भगवा परचम लहराते ही सेक्टर 15 पार्ट दो स्थित जिंदल हाउस सत्ता का नय

By Edited By: Published: Mon, 20 Oct 2014 06:25 PM (IST)Updated: Mon, 20 Oct 2014 06:25 PM (IST)
भगवा परचम लहराने से सत्ता का केंद्र बना जिंदल हाउस

आदित्य राज, गुड़गांव : प्रदेश में भगवा परचम लहराते ही सेक्टर 15 पार्ट दो स्थित जिंदल हाउस सत्ता का नया केंद्र बन गया। निर्वाचित विधायकों की ओर से नए केंद्र में मत्था टेकने का सिलसिला शुरू हो चुका है। पहले टिकट के लिए मत्था टेकने पहुंच रहे थे अब लालबत्ती पाने के लिए।

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यहां यह बता दें कि भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुसांगिक संगठनों में से एक है। संघ मातृ संगठन है। यही वजह है कि भाजपा के बड़े से बड़े नेता भी संघ के आदेश को दरकिनार करने की हिम्मत नहीं रखते। चाहे टिकट का बंटवारा हो या फिर कोई राजनीतिक जिम्मेदारी देने का मामला, हर विषय पर भाजपा नेतृत्व संघ से विचार विमर्श करता है। यह एक बार फिर गुड़गांव में प्रमाणित होता दिख रहा है। सेक्टर 15 पार्ट दो में संघ के प्रांतीय सह संघचालक पवन जिंदल का निवास स्थान है, जिसे जिंदल हाउस कहते हैं। सर संघचालक डा. मोहन राव भागवत का गुड़गांव में जब भी प्रवास होता है तो वह भी जिंदल हाउस में ही रुकते हैं। भाजपा के भीतर इस हाउस का इतना महत्व है कि टिकट बंटवारे से पहले भी अधिकांश प्रत्याशी मत्था टेकने के लिए पहुंचे। अब जबसे भगवा परचम लहराया है तबसे निर्वाचित विधायकों के आने का सिलसिला जारी है। जो नहीं आ पा रहे हैं वे फोन करके आशिर्वाद मांग रहे हैं। हर किसी की अब एक ही चाह है लालबत्ती। सूत्र बताते हैं कि प्रदेश का मुख्यमंत्री भी संघ पदाधिकारियों से विचार विमर्श के बाद ही तय होगा। वैसे संघ पदाधिकारियों ने मनोहर लाल खट्टर के नाम पर पहले ही मौन सहमति दे रखी है। इसी के बाद उन्हें चुनाव मैदान में उतारा गया था। जैसे ही निर्वाचित विधायकों को इस बात की भनक लगी है कि जो होगा वह संघ के इशारे पर ही। इसके बाद ही जिन्होंने कभी जिंदल हाउस तक पहुंचने के बारे में सोचा भी नहीं था वे भागे-भागे आ रहे हैं।

सूत्र बताते हैं कि सभी निर्वाचित विधायकों को संघ के प्रांतीय सह संघचालक पवन जिंदल ने यही कहा कि जनता की आप लोगों से बहुत अपेक्षाएं हैं। ऐसी स्थिति में काम करके दिखाना होगा। जाति, धर्म व क्षेत्र से ऊपर उठकर विकास की राजनीति करनी होगी।

खट्टर के मुख्यमंत्री बनने से और बढ़ेगी ताकत

यदि मनोहर लाल खट्टर को प्रदेश की कमान सौंपी गई तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुछ पदाधिकारियों की ताकत काफी बढ़ जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह ही खट्टर संघ के प्रचारक रहे हैं। उन्होंने विभाग प्रचारक तक का दायित्व निभा रखा है। संघ के कई कार्यक्रमों के प्रमुख रहे हैं। इस वजह से उनकी भाजपा नेताओं से अधिक संघ के पदाधिकारियों से सहज रूप से बातचीत होती है।


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