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लीड..अवैध निर्माण ने फिर पकड़ी रफ्तार

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : नगर निगम अतिक्रमण विरोधी दस्ते की निष्क्रियता के चलते शहर में एक बार फिर

By Edited By: Published: Mon, 20 Oct 2014 06:25 PM (IST)Updated: Mon, 20 Oct 2014 06:25 PM (IST)
लीड..अवैध निर्माण ने फिर पकड़ी रफ्तार

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : नगर निगम अतिक्रमण विरोधी दस्ते की निष्क्रियता के चलते शहर में एक बार फिर अनधिकृत निर्माण कार्यो ने जोर पकड़ ली है। यहां तक अनधिकृत रूप से कालोनियां विकसित हो रही हैं, लेकिन निगम का अतिक्रमण विरोधी दस्ता अपना हित साधने में लगा है। इसका खामियाजा उन भोले-भाले लोगों को भुगतना पड़ सकता है, जो आंख बंद कर अनधिकृत कालोनियों में आशियाना बनाने के लिए जीवन भर की कमाई लगा रहे हैं। इस पूरे मामले में शहर की अगुवाई करने वाली मेयर टीम के मौन रहने से कई प्रकार के सवाल उठ रहे हैं।

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राजेंद्रा पार्क, विष्णु गार्डन, पटेल नगर, न्यू पालम विहार, कार्टरपुरी, अशोक विहार, दयानंद कालोनी, गुड़गांव गांव, झाड़सा रोड, सिविल लाइन, जैकमपुरा सहित अन्य एरिये में इस समय अनधिकृत निर्माण कार्यो की बाढ़ सी आई हुई है। हालात यह है कि छोटे-मोटे मकान नहीं, बल्कि तीन-चार मंजिला इमारतें बन रही हैं। बावजूद निगम का अतिक्रमण विरोधी दस्ता इन निर्माण कार्यो को लेकर पूरी तरह मौन है। शिकायत के बावजूद दस्ते के एसडीओ व जेई मौके पर जाते तो हैं लेकिन अपना हित साधकर चुप्पी मार लेते हैं। जोन वन में सबसे अधिक निर्माण कार्यो के अलावा धड़ल्ले से कालोनियां विकसित हो रही हैं। सस्ते के चक्कर में लोग यहां पर आशियाना बनाने के लिए दौड़ रहे हैं। हालांकि भू माफिया जमीन व मकान बेचकर चले जाएंगे। जब कभी कार्रवाई हुई तो उसका नुकसान आम लोगों को उठाना होगा। जबकि निगम एवं जिला प्रशासन को इस प्रकार की कालोनियों एवं निर्माण कार्यो पर रोक लगाने के साथ ही लोगों को भी जागरूक करना चाहिए। अंत में जब तोड़फोड़ होगी तब लोगों को ही उसका परिणाम भुगतना होगा। निगम दस्ते में तो एक एसडीओ को जोन थ्री व वन का काम दायित्व दे रखा है। जबकि सटे एरिये काम देते तो बेहतर होता।

मकान तब्दील हो रहे मार्केट में

दस्ते की मिलीभगत के चलते लोग मकानों को तोड़ कर उसकी जगह मार्केट बना रहे हैं। रिहायशी इलाके में तेजी से निर्माण कार्य होने के साथ ही व्यवसायिक गतिविधियां होने से वहां रहने वाले लोगों को खासी दिक्कत हो रही है।

निगमायुक्त को लिखा पत्र

''इस प्रकार की लगातार शिकायत आने पर कार्रवाई के लिए निगमायुक्त को पत्र लिखा है। साथ ही दस्ते में बदलाव करने एवं एक जोन के लिए एक एसडीओ की जिम्मेदारी तय करने को कहा है।''

-यशपाल बत्रा, सीनियर डिप्टी मेयर।


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