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पौधारोपण : काउंटिंग के बाद सच आएगा सामने

By Edited By: Published: Thu, 18 Sep 2014 07:03 PM (IST)Updated: Thu, 18 Sep 2014 07:03 PM (IST)

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-अरावली पहाड़ी में रोपे गए पौधों की गिनती का काम शुरू

-पौधारोपण व जल सरंक्षण के नाम पर खच हुए हैं करोड़ों

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : अरावली पहाड़ी में निगम द्वारा रोपे गए पौधों की काउंटिंग का काम चल रहा है। पौधों की काउंटिंग होने की रिपोर्ट आने के बाद पौधरोपण की सच्चाई सामने आएगी। निगम ने पौधरोपण व जल संरक्षण के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। साथ ही अब निगम अधिकारी पहाड़ी एरिये में औचक निरीक्षण कर काम करने वाले मजदूरों की गिनती कर रहे हैं। अधिकारियों के औचक निरीक्षण से मजदूर उपलब्ध कराने वाले ठेकेदार खासे परेशान हैं और वह अधिकारियों पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

पहाड़ी में पौधे रोपना, पानी देना, बारिश के पानी का संरक्षण करने के लिए छोटे-छोटे गढ्डे खोदने का काम दो ठेकेदारों को दे रखा था। ठेकेदारों के अनुसार उन्होंने दो हजार मजदूर लगा रखे थे और उन्हें खाने-पीने के अलावा खाद्य सामग्री मुहैया कराते थे। इसके एवज में निगम खजाने से हर माह करीब सवा करोड़ रुपये खर्च होते थे, जबकि हकीकत में इसकी ओट में ठेकेदार अपनी जेब गर्म कर रहे थे। इसी का परिणाम है कि वहां रोपे गए लाखों पौधे सूख गए। जागरण ने इस पूरे खेल को सार्वजनिक किया और नवनियुक्त निगमायुक्त विकास यादव ने पैसे की इस बर्बादी को रोकने के आदेश जारी कर दिए। अब वहां पर मात्र दो सौ मजदूर दो ठेकेदारों के माध्यम से काम कर रहे हैं। साथ ही अब इनके खाने-पीने का खर्चा खुद मजदूर उठा रहे हैं। बागवानी विभाग के एसडीओ ने पहाड़ी एरिये को दो हिस्सों में बांट दिया है। दोनों ही सौ-सौ मजदूरों की हाजिरी लेने के साथ ही वहां लगाए गए पौधों की काउंटिंग करा रहे हैं। काउंटिंग के बाद पता चलेगा कि हरियाली के नाम पर जो लाखों पौधे रोपे गए उनकी क्या स्थिति है। इससे इनका भी बचाव होगा कि जब उन्हें काम दिया उस समय पहाड़ी पर यह पौधे मिले और बाकी सूख गए। एसडीओ अजय निराला का कहना है कि वह एवं जेई खुद मजदूरों की गिनती कर रहे हैं। जितने मजदूर मिलेंगे उन्हें ही 311 रुपये के हिसाब से पेमेंट दिया जाएगा। इसके लिए ठेकेदारों को सख्त चेतावनी दी गई है। काउंटिंग रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि पहाड़ी में लगाए गए पौधों की क्या स्थिति है। अब पूरी तरह पारदर्शी तरीके से काम किया जा रहा है।


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