कांव कांवBy Edited By: Published: Sat, 13 Sep 2014 05:15 PM (IST)Updated: Sat, 13 Sep 2014 05:15 PM (IST)FacebookTwitterWhatsappGoogle Newsपाकर कुर्सी क्यों भला, वादे जाते भूल। नेताओं की राह में, पांच वर्ष तक फूल।। पांच वर्ष तक फूल, चुनाव निकट जब आते। मेंढक जैसी टेर, रात- दिन खूब लगाते।। कहे लाल कविराय, बताएं किसको जाकर। वादे जाते भूल, हैं नेता कुर्सी पाकर।। -घमंडी लाल अग्रवाल।Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें