नगर निगम में पाइप घोटाला
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : नगर निगम में एक और पाइप घोटाला उजागर हुआ है। सवा करोड़ के सीवर संबंधित कार्य में ठेकेदार पर घटिया पाइप के इस्तेमाल का आरोप है। निगम ने काम रुकवाने के साथ अभी तक हुए काम को रिजेक्ट कर उसे दोबारा से कराने के आदेश जारी किए हैं। संबंधित ठेकेदार के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराने के लिए पत्र लिख दिया है। हालांकि इस मामले में एक बार फिर निगम अधिकारियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
सरस्वती विहार कालोनी में निगम ने सीवर लाइन बिछाने के लिए करीब सवा करोड़ रुपए का ठेका दिया था। टेंडर शर्त के अनुसार सीवर पाइप के लिए लाइनिंग पाइप का उपयोग करना था। ठेकेदार ने लाइनिंग पाइप की लागत अधिक होने पर घटिया क्वालिटी का पाइप उपयोग किया। इसकी शिकायत मिलने पर रात में चीफ इंजीनियर बलजीत सिंह सिंगरोहा ने संबंधित कार्यकारी अभियंता एनडी वशिष्ठ को साथ मौके पर छापेमारी की। जांच में शिकायत सही पाई गई। इस पर निगम ने ठेकेदार द्वारा अभी तक जो भी काम किया उसे रिजेक्ट कर नए सिरे से लाइनिंग पाइप बिछाने का काम शुरू करने के आदेश दिए हैं। कार्यकारी अभियंता वशिष्ठ के अनुसार लाइनिंग पाइप मजबूत होने के साथ ही वह अधिक समय तक चलता है। महंगा होने के कारण ठेकेदार इस प्रकार की गड़बड़ी करते हैं।
अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं
इसके पूर्व निगम ने शीतला कालोनी में भी लाखों रुपये के पानी पाइप जब्त किए थे। उस मामले में एक दुकानदार पर मामला दर्ज हुआ, लेकिन संबंधित अधिकारी व ठेकेदार पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। सरस्वती विहार में भी निगम को मौके पर नहीं जाने या शह देने के लिए संबंधित एसडीओ व जेई के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए। बावजूद अधिकारियों को बचाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। इससे निगम अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं।
''विकास कार्य में अनियमितताएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। ठेकेदार पर मामला दर्ज कराने का पत्र लिख दिया गया है। संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत एवं उनके मौके पर नहीं जाने की भी जांच कराई जाएगी। पानी पाइप मामले की जांच एसई को सौंप रखी है।''
-बलजीत सिंह सिंगरोहा, चीफ इंजीनियर नगर निगम।