भारतीय सेना अनुशासित
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : भारतीय सेना के 63 मीडियम रेजिमेंट तोपखाना का स्थापना दिवस समारोह रविवार को डीएलएफ फेज तीन स्थित सामुदायिक भवन में मनाया गया। इसमें रेजिमेंट से जुड़े रहे हरियाणा, पंजाब एवं राजस्थान से 300 से अधिक पूर्व सैनिक शामिल हुए। पहली बार पूर्व सैनिकों ने गुड़गांव में इस तरह की पहल की है।
समारोह में पहुंचे रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल नरेश चांद ने 63 मीडियम रेजिमेंट तोपखाना की उपलब्धियों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बताया कि एक सितंबर 1962 को रेजिमेंट का गठन किया गया था। रेजिमेंट ने 1962, 1965, 1971 के युद्ध के साथ कारगिल युद्ध में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज भी नार्थ ईस्ट में रेजिमेंट विशेष भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना जैसा अनुशासन दुनिया में कहीं नहीं। ताकत के मामले में भी भारतीय सेना लाजबाब है। सिर्फ मनोबल बनाए रखने की आवश्यकता है। इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट के अध्यक्ष व रिटायर्ड मेजर जनरल सतवीर सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने हमेशा ही सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। पाकिस्तान के साथ जितनी भी लड़ाई हुई सभी विपरित माहौल में। इसके बाद भी मुंहतोड़ जवाब दिया। 63 मीडियम रेजिमेंट तोपखाना की उपलब्धि की जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है। हर लड़ाई में उल्लेखनीय भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना आज के समय में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में से एक है। कोई भी देश भारत की ओर से आंख दिखाने की हिम्मत नहीं कर सकता। सिंह ने कहा कि स्थापना दिवस समारोह के माध्यम से तीन राज्यों के पूर्व सैनिकों ने अपने अनुभव शेयर किए। इससे आपसी भाईचारे की भावना भी मजबूत होती है। समारोह में रिटायर्ड ब्रिगेडियर पीके पोपली, रिटायर्ड कर्नल आरएस वर्मा, रिटायर्ड कर्नल जेएस कोहली, रिटायर्ड मेजर परमजीत सिंह, रिटायर्ड कैप्टन परशुराम, कैप्टन रामनाथ, कैप्टन ईश्वर सिंह, कैप्टन मुंशी राम एवं हवलदार मदनलाल शामिल रहे।