एक्सप्रेस-वे की खामी व टोल का जाम विपक्षियों के हथियार
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेस वे स्थित सरहौल टोल प्लाजा से तो लोगों को राहत मिली, लेकिन उन्हें अभी भी एक्सप्रेस-वे पर सफर करते समय जाम के जिन्न से लड़ना पड़ रहा है। खेड़की टोल प्लाजा पर से लेकर होंडा चौक, राजीव चौक, इफको चौक सहित कई जगह जाम लगना आम है। इस समस्या को जनता ने लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी मुद्दा बना लिया। विपक्षियों नेताओं को तो सत्ता पक्ष को घेरने के लिए एक और मौका मिल गया है। ऊबी जनता भी नेताओं से यही सवाल कर रही कि कब अच्छे दिन आएंगे और जाम नहीं मिलेगा।
खेड़कीदौला टोल बूथ की संख्या पहले से बढ़ा दी गई है, लेकिन होंडा चौक से लेकर टोल के दो सौ मीटर पहले तक सर्विस लेन की रोड जर्जर है। इस सड़क पर सीवर व बरसात का पानी जमा रहता है। इनके कारण जाम की समस्या पैदा हो रही है। इस ज्वलंत समस्या को लेकर लोग लामबंद हो कई बार विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं। दैनिक जागरण उनकी आवाज बना तो केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी पूरी टीम कें साथ हालात देखने पहुंचे थे। उन्होंने एनएचएआइ के अधिकारियों को सख्त निर्देश भी दिए, लेकिन उनका असर चुनाव के पहले नहीं दिख रहा है। ऐसे में लोग परेशान हैं, और वह वोट मांगने आए नेताओं से जवाब मांगते हैं। शहर की सबसे विकराल समस्या के बावजूद जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस ओर नहीं है। इससे लोग खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। जबकि चुनाव में वोट मांगते समय यही जनप्रतिनिधि लोगों से बड़े-बड़े दावे करते हैं।
लोगों की समस्या से सरोकार नहीं
''चुनाव में वोट के लिए नेता बड़े-बड़े आश्वासन देते हैं लेकिन फिर लौट कर नहीं आते। इससे तो लगता है कि उन्हें लोगों की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। लोकसभा चुनाव में जब यह वोट मांगने आएंगे उस समय उन्हें इसकी याद दिलाएंगे।''
- प्रोफेसर (सेवानिवृत्त)बीएस छोकर
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चुनाव के समय आदी हमारी पीड़ा
''चुनाव के समय तो नेताओं को शहर की सभी समस्याएं नजर आने लगती है लेकिन चुनाव जीतते ही वह इसे पूरी तरह भूल जाते हैं। इससे साफ है कि उन्हें लोगों की समस्या से कोई लेना-देना नहीं है। अब जब वोट मांगने आएंगे तब उन्हें उनके ही आश्वासन से अवगत कराकर जवाब मांगेंगे।''
विकास मेहता, व्यवसायी