परेशानी बन रहीं पटेल नगर की डेयरियां
जागरण संवाद केंद्र, गुड़गांव : नगर निगम को अस्तित्व में आए छह साल हो गए, लेकिन अभी तक रिहायशी एरिये में संचालित डेयरियों को बाहर का रास्ता नहीं दिखा पाया है। रिहायशी एरिये में गंदगी व बदबू से लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। लोगों को बीमारी फैलने का डर हमेशा सताते रहता है। लगातार शिकायत के बावजूद नगर निगम समस्या के निदान पर ध्यान नहीं दे रहा है।
पटेल नगर में कई डेयरियां चल रही हैं। कुछ रोड पर तो कुछ खाली प्लाट में डेयरी का संचालन कर रहे हैं। डेयरियों की वजह से गोबर, घास सहित अन्य गंदगी रोड से लेकर लोगों के मकान के आगे तक पसरी रहती है। लोगों ने आशंका जताई है कि इससे इलाके में डेंगू व मलेरिया जैसी बीमारी फैल सकती है। लोग लगातार जिला प्रशासन एवं नगर निगम से गुहार लगा रहे हैं मगर कोई भी इस दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए आगे नहीं आ रहा है। यहां रहने वाले संजय सिंह चौहान का कहना है कि डेयरी वालों ने सीवर कनेक्शन भी नहीं ले रखे हैं। वे अपनी सारी गंदगी गोबर, घास सहित सीवर लाइन में डाल रहे हैं। रही सही गंदगी रोड व खाली प्लाट में जमा रहती है। देवीलाल का कहना है कि मेरे घर की दीवार से सटे प्लाट में डेयरी चल रही है। बदबू से जीना दुश्वार है, लेकिन कोई भी इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठा रहा है। यहां तक कि मेरे घर की दीवारों में सीलन आ गई है और इससे मकान को भी नुकसान पहुंच रहा है। राजेश शर्मा का कहना हैं कि डेयरी वाले घर के आगे या किसी भी खाली प्लाट में गोबर डाल देते हैं। सड़क पर ही अपने मवेशी बांधते हैं। ट्यूबवेल के पानी से मवेशियों को नहलाते हैं। इससे प्लाट से लेकर रोड तक गंदा पानी जमा हो जाता है। यह पानी की बर्बादी भी है। मना करने पर लड़ने पर उतारू हो जाते हैं। यहां के राजीव, विनोद, अमन वर्मा ने इस समस्या निदान के लिए डेयरियों को शहर से बाहर शिफ्ट करने की गुहार लगाई है।
''शहर में कितनी डेयरियां हैं इसके लिए सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे का डाटा आने के उपरांत डेयरी के लिए जगह तलाशी जाएगी। इसके बाद वहां पर सुनियोजित तरीके से डेयरी शिफ्ट की जाएंगी।''
-एसके कुश, एसटीपी, नगर निगम