नन्हें कदम पर तय की लंबी दूरी
संवाद सहयोगी,फरुखनगर : जहां लोगों के एक दो मील चलने में सांस फूल जाती है वहीं एक नन्हें भोले भक्त ने करीब चार सौ मील से अधिक दूरी की वह भी मात्र छह दिन में। वह पिता के साथ गंगोत्री कांवड़ लेने गया और वापस भी गांव पहुंचने वाला है। वह पिता जो बेटे की जिद से परेशान था उसे चिंता थी कि सुकुमार सैंकड़ों मील नहीं चल पाएगा। वही अब बेटे की जीवटता की दाद दे डमरू वाले की कृपा बता रहा है।
कंधो पर कावड़ रख कर छह दिन में तीन सौ किलोमीटर का पैदल सफर तय करने वाले तीसरी कक्षा के छात्र के हौंसले आज भी बुलंद है। उसके जमालपुर के शिविर में पहुचने पर श्रद्धालुओं ने भव्य स्वागत किया गया। 11 साल का शिव भक्त ऋषि पाल रेवाड़ी का रहने वाला है, बृहस्पतिवार सुबह वह अपने घर पहुंच जाएगा। उसका साहस देख रुड़की की एक कांवड़ संघ ने उसे बहादुरी पुरस्कार से सम्मानित भी किया है।
छात्र का कहना था कि उसके पिता संजय हरिद्वार से कावड़ लेकर आने की तैयारी में जुटे हुए थे। तभी उसके मन में आया कि वह भी गंगा जल लेने जाएगा। उसने अपनी दिली इच्छा मां के आगे जाहिर की तो मां बेटे के लिए संबल बन गई। संजय ने कई बात कह मना किया तो मां यह कह नकारती रही कि आज के बच्चे इस तरह की बात सोचते नहीं। गंगा मइया ने उसे बुलाया है तो उसे शक्ति भी देंगी। संजय ने का पत्नी की जिद पर वह मान गया और बेटे को साथ ले गया। रास्ते में कहीं भी उसे नहीं लगा कि बच्चे को कोई परेशानी हुई हो। उसके पैर सूज आए लेकिन बेटे को कोई असर नहीं।
सत्येंद्र