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..यहां हर आंख में दिखता है मौत का खौफ

By Edited By: Published: Wed, 23 Apr 2014 07:45 PM (IST)Updated: Wed, 23 Apr 2014 07:45 PM (IST)
..यहां हर आंख में दिखता है मौत का खौफ

आदित्य राज, गुड़गांव : सोहना रोड सुभाष चौक के नजदीक रेल विहार के सामने हर आंख में मौत का मंजर दिखता है। सामने से आती हर गाड़ी के रूप में मौत दिखाई देती है।

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मेदांता हास्पिटल के हृदय रोग विशेषज्ञ डा. पंकज गुप्ता अपनी बेटी के साथ रेल विहार के सामने ही मौत के शिकार हुए। बेलगाम व अनियंत्रित चलने वाली रोडवेज की बस ने दोनों को अपना शिकार बना लिया। इस घटना ने जहां गुप्ता परिवार को बर्बाद कर दिया वहीं रेल विहार व आसपास रहने वाले लोगों की आंखों में मौत का खौफ पैदा कर दिया है। हालत यह है कि किसी भी गाड़ी को सामने से आते देख लोग दूर हटने का प्रयास करते हैं। ऐसा लगता है कि जैसे हर बस के रूप में लोग मौत देखने लगे हैं।

लोगों में खौफ पर चालक बेपरवाह

भले ही घटना के बाद लोगों में खौफ है लेकिन चालक अब भी बेपरवाह हैं। रफ्तार में कोई कमी नहीं। यह स्थिति तब जब सामने ही सदर थाना है। वाहन चालकों के व्यवहार से कहीं से नहीं लगता है कि यह वही सुभाष चौक के जिसके नजदीक तीन दिन हृदय विदारक घटना हुई थी।

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मौत की शक्ल में हैं गढ्डे

रेल विहार के सामने केवल ही वाहन ही मौत की शक्ल में नहीं दिखाई देते बल्कि गड्डे भी दिखाई देते हैं। पाइप लाइन डालने के लिए कई महीने पहले गढ्डे खोदे गए लेकिन इसे भरने पर ध्यान नहीं दिया गया। कई बार बच्चों के इसमें गिरने का अंदेशा रहता है।

मौत के बाद भी नहीं जागता प्रशासन

डा. पंकज गुप्ता व उनकी पुत्री की मौत के बाद से रेल विहार व आसपास के लोगों में प्रशासन के प्रति जबर्दस्त गुस्सा है। लोगों का कहना है कि आखिर प्रशासन को कितनी मौत चाहिए। इतनी दर्दनाक मौत के बाद भी प्रशासन की सेहत पर असर नहीं। स्थानीय निवासी स्वाति कहती हैं कि बच्चों को छोड़ने के लिए सड़क पर आना ही है। घटना के बाद से ऐसा लगता है जैसे हर बस मौत है। आखिर कहां पर खड़ा होकर बस का इंतजार करें। श्री बाला सुमन कहती हैं कि मौत के बाद कई बार प्रशासन जागता है लेकिन इस बार ऐसा भी नहीं दिख रहा। थाने के सामने गलत तरीके से वाहन आते-जाते हैं लेकिन कोई असर नहीं। बच्चे को स्कूल छोड़ने के लिए सड़क तक आने में खुशी होने की जगह डर लगता है। दीप्ति तनेजा कहती हैं कि जहां बच्चे बसों में चढ़ते और उतरते हैं वहां होमगार्ड तक की व्यवस्था नहीं। चौराहे पर भी ट्रैफिक पुलिस कर्मी नहीं रहते हैं। सरोज अवस्थी कहती हैं कि प्रशासन अपनी जिम्मेदारी समझे।

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''मैं जब हुडा में तभी सुभाष चौक पर फ्लाईओवर का निर्माण शुरू कराया था। इस वजह से आसपास कुछ दिक्कत है। काम चलने के दौरान भी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास होगा।''

- डॉ. प्रवीण कुमार, आयुक्त, नगर निगम


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