बर्फ डालकर बेचा जा रहा है रेहड़ी का पानी
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : गर्मी में पसीने से तरबतर और सूखे गले को राहत देने के लिए रेहड़ी से खरीदकर पीया गया पानी गले को खराब कर सकता है। स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकता है, क्योंकि इन दिनों वाटर कूलर के पानी के नाम पर बर्फ मिला हुआ पानी बेचा जा रहा है।
गन्ने व संतरा का जूस पीने वाले सतर्क रहते हैं और बर्फ का टुकड़ा डलवाने से भी परहेज करते हैं, लेकिन रेहड़ी का पानी बर्फ से ही ठंडा किया जा रहा है। शहर के बस अड्डे से लेकर रेलवे स्टेशन के बाहर, लघु सचिवालय से लेकर मेट्रो स्टेशन तक ये रेहड़ी वाले फैले हुए हैं। जानकारों का कहना है कि रेहड़ी का पानी मीठा व ठंडा होता है, लेकिन यह जमीन का जल है। इसे बेचने का गोरखधंधा गांवों से शुरू हो चुका है। इसमें कोल्ड स्टोरेज की बर्फ मिलाई जाती है, जिसकी गुणवत्ता नहीं होती। यह पानी भी जमीन से लिया होता है। बिना गुणवत्ता के रेहडि़यों से पानी बेचा जा रहा है, क्योंकि कोल्ड स्टोरेज की बर्फ से वाटर कूलर में ठंडा किया हुआ पानी ज्यादा मंहगा मिलता है, लेकिन सरकारी महकमा इस पर चुप्पी साधे हुए है।
''अगर किसी भी ग्राहक को ऐसी शिकायत है तो वह उस पानी की जांच स्वास्थ्य विभाग के लैब में करा सकता है। पुलिस में भी शिकायत की जा सकती है। अगर उनके पास शिकायत आई तो रेहड़ी वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।''
-केके शर्मा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी