ैमौसम की मार : डायरिया व वायरल के बढ़े मरीज
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : मौसम के तेवर में नरमी आई है, जो स्वास्थ्य की दृष्टि से सही नहीं है। बूंदाबांदी होने के बाद उमस वाली गर्मी के साथ-साथ वायरल का प्रकोप और बढ़ने के असार हैं। सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में डायरिया व बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। बदलते मौसम का बच्चे अधिक शिकार हो रहे हैं।
सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सक रमेश शांडिल्य का कहना है कि इस मौसम में वायरस काफी सक्रिय हो जाते हैं। दो-तीन दिन के बाद रुक रुक कर हो रही बारिश से वायरस की सक्रियता और बढ़ेगी। इसलिए लोगों को इस मौसम में विशेषकर अपने खाद्य एवं पेय पदार्थ के साथ ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी। बच्चों का ताजा खाना ही देना चाहिए।
दूषित खाद्य पदार्थ का सेवन करने से व्यक्ति डायरिया एवं वायरल का शिकार हो सकता है। कटे एवं खुले में बिक रहे खाद्य पदार्थो पर बैक्टीरिया एवं वायरस होने की संभावना ज्यादा होती है, जिसके खाने से लोग डायरिया के शिकार हो सकते हैं।
डायरिया होने पर काफी मात्रा में होता है दस्त
डाक्टर बताते हैं कि डायरिया होने के स्थिति में मरीज को दस्त काफी मात्रा में होता है। मरीज के आमाशय में दर्द की शिकायत, बुखार एवं उल्टी के लक्षण दिखना। डायरिया के मरीज को पूरी तरह से ठीक होने में दो सप्ताह तक लग जाते हैं।
क्या है डायरिया का इलाज
डायरिया की शिकायत होने की स्थिति में मरीज को जल्दी से जल्दी डाक्टर से इलाज कराना चाहिए। बच्चों में डायरिया की शिकायत होने पर जान का खतरा ज्यादा होता है। डायरिया के मरीज को कुछ-कुछ देर पर ओआरएस का घोल पिलाते रहना चाहिए। इसके अलावा अन्य कई वायरल में भी बिना डाक्टर के सलाह के दवा न लें। वायरल के लिए कोई एक दवा नहीं आती है। वायरल से ग्रसित मरीज को उसकी समस्या के अनुसार एंटी बायटिक दी जाती है।