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दो मिनट का 'ठहराव' एक साल से फाइलों में कैद

By Edited By: Published: Thu, 08 Aug 2013 01:02 AM (IST)Updated: Thu, 08 Aug 2013 01:03 AM (IST)
दो मिनट का 'ठहराव' एक साल से फाइलों में कैद

नवीन गौतम, गुड़गांव : बीकानेर इंटर सिटी एक्सप्रेस को दो मिनट के लिए गुड़गांव में रोकने का फैसला एक साल से दो जोन के बीच उलझा हुआ है। रेल मंत्रालय ने यह मामला उत्तर रेलवे के हवाले किया तो उसने जवाब दिया कि यह मामला उत्तर पश्चिम रेलवे से जुड़ा है। वहीं उत्तर पश्चिम रेलवे का कहना है कि यह मामला उत्तर रेलवे से जुड़ा है। नतीजा, इस गाड़ी का ठहराव यहां न होने से यात्री परेशान हैं और रेलवे को प्रतिदिन करीब डेढ़ लाख रुपये का नुकसान हो रहा है।

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दिल्ली-बीकानेर के बीच चलने वाली इंटर सिटी एक्सप्रेस का गुड़गांव में ठहराव किए जाने की मांग लम्बे अर्से से चल रही है। गुड़गांव सेक्टर चार रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एसके शर्मा ने इसी वर्ष फरवरी में सूचना के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए रेल मंत्रालय से जानकारी मांगी कि इंटर सिटी एक्सप्रेस का ठहराव किसने करना है और कब तक करना है। रेल मंत्रालय ने उनके आवेदन को उत्तर रेलवे के हवाले कर दिया, लेकिन उत्तर रेलवे ने यह कहकर जानकारी देने से इंकार कर दिया कि यह मामला उत्तर पश्चिम रेलवे से जुड़ा है। उत्तर पश्चिम रेलवे ने वापस यह मामला उत्तर रेलवे के पाले में यह कहते हुए डाल दिया कि यह मामला हम से नहीं जुड़ा है, पिछले छह माह से यह मामला यूं ही रेल मंत्रालय से लेकर उत्तर रेलवे और उत्तर पश्चिम रेलवे के मध्य झूल रहा है।

इतना ही नहीं दैनिक यात्रियों की पहल पर जून 2012 में इस रेलगाड़ी के गुड़गांव में ठहराव को लेकर डीआरएम बीकानेर ने उत्तर पश्चिम रेलवे के मैनेजर को पत्र लिखा, जिसे उत्तर पश्चिम रेलवे ने उत्तर रेलवे भेजने में ही छह माह का समय लगाया। वहीं उत्तर रेलवे ने इसे रेलवे बोर्ड भेजने में तीन माह का वक्त लगा दिया। विडंबना यह है कि भारतीय रेल की रफ्तार से धीमे चल रहे इस पत्र पर भी रेलवे बोर्ड कोई फैसला नहीं कर पाया है।

यह रेलवे अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा है कि इस बीकानेर इंटर सिटी एक्सप्रेस में प्रतिदिन दोनों तरफ से 3 टीयर में ढाई सौ के करीब सीटें खाली रहती हैं और औसतन करीब डेढ़ लाख रुपये राजस्व का नुकसान रेलवे को उठाना पड़ता है, जो सालाना करीब दस करोड़ रुपये के आसपास बैठता है। हैरानी की बात यह है कि वापसी में रेवाड़ी में इस रेल गाड़ी को पूरे आधे घंटे तक रोक कर रखा जाता है।

ये गाड़ियां रुकती हैं गुड़गांव

- दिल्ली-अहमदाबाद राजधानी एक्सप्रेस

- अजमेर शताब्दी एक्सप्रेस

- पूजा एक्सप्रेस

- जोधपुर मंडोर एक्सप्रेस

- दिल्ली-जयपुर वातानुकूलित डबर डेकर एक्सप्रेस

- चंडीगढ़ बांद्रा एक्सप्रेस

- मुंबई गरीब रथ

जागरण सुझाव

- गुड़गांव में बीकानेर इंटर सिटी एक्सप्रेस को दोनो दिशाओं से ठहराव प्रदान किया जाए।

- इसमें वातानुकूलित डिब्बों की तादाद बढ़ाई जाए।

- खाली चल रहे 3 टीयर के डिब्बों में से चार जनरल श्रेणी में शामिल किए जाएं।

ये होंगे लाभांवित

- दिल्ली-गुड़गांव के बीच प्रतिदिन करीब दो हजार लोग यात्रा करते हैं।

- बीकानेर की तरफ से इस रेल से गुड़गांव आने की चाहत रखने वाले करीब ढाई हजार लोगों को प्रतिदिन रेवाड़ी या दिल्ली कैंट पर नहीं उतरना पड़ेगा।

- इस रेल में प्रतिदिन खाली चल रही ढाई सौ के आसपास सीटें भरकर चलेंगी।

- रेलवे को प्रतिदिन करीब डेढ़ लाख रुपये अतिरिक्त मिलेंगे।

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