Move to Jagran APP

एक हजार उपद्रवियों के सामने थे 150 पुलिस कर्मी

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद भूना के खैरी रोड पर उपद्रवियों के हमले में घायल हुए पुलिस कर्मियों को ठ

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Mar 2017 01:01 AM (IST)Updated: Tue, 21 Mar 2017 01:01 AM (IST)
एक हजार उपद्रवियों के सामने थे 150 पुलिस कर्मी

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद

loksabha election banner

भूना के खैरी रोड पर उपद्रवियों के हमले में घायल हुए पुलिस कर्मियों को ठीक होने में अब कम से कम 15 से 20 दिन लग जाएंगे। 6 पुलिस कर्मी ऐसे हैं जिनकी टांगों व हाथों में फ्रेक्चर हुआ है। दो पुलिस कर्मियों को प्लास्टर बांधा गया है। डीजीपी केपी ¨सह ने अस्पताल में पहुंचकर हौसला बढ़ाया लेकिन रविवार के हालातों को लेकर पुलिस कर्मी अभी भी खौफ में है। खौफ यह है कि उपद्रवियों ने महिला पुलिस कर्मियों को भी नहीं बख्शा तथा उनके साथ मारपीट की गई। दो महिला पुलिस कर्मी सिविल अस्पताल में भर्ती हैं। जिनके सिर पर गहरी चोटें हैं।

डीजीपी केपी ¨सह जब अस्पताल में घायलों का हालचाल जानने के लिए पहुंचे तो घटना के दौरान डयूटी मजिस्ट्रेट की भूमिका पर सवाल उठाए। डीजीपी के सामने आरोप लगाया कि उपद्रवियों पर एक्शन लेने के आदेश नहीं दिए गए। इसके अलावा पुलिस को इनुपट भी दे कि धरने की तरफ आने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है उनके पास हथियार हैं लेकिन फिर भी मौके पर पुलिस की संख्या कम क्यों रही जबकि उनकी संख्या करीब एक हजार थी। जिस कारण पुलिस कर्मी मूक दर्शक बने रहे। इस पर केपी ¨सह ने कहा कि पुलिस ने बड़ी हिम्मत से काम लिया है। डयूटी मजिस्ट्रेट ने भी मौके के हालात के मुताबिक काम किया है।

-फाय¨रग के आदेश होते तो बढ़ सकता था मामला :

मौके पर पुलिस की तरफ से लाठी चार्ज व आंसू गैस ही छोड़ी गई। अगर पुलिस फाय¨रग करती तो मामला बढ़ भी सकता था। पुलिस कर्मियों की संख्या कम होने के बावजूद मौके पर डटे रहे।

------

पाबंदी के बाद तेल के कैन कैसे आए होगी जांच : केपी ¨सह

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि खुले में तेल बेचने पर पाबंदी लगा दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद डीजल व पैट्रोल के कैन थे। केपी ¨सह ने स्पष्ट किया कि मामले की जांच होगी कि आखिर खुले में इतना तेल कहां से आया है। इसके अलावा विडियोग्राफी से शरारती तत्वों की पहचान की जाएगी।

------

मैं अंत तक डटा रहा : ड्यूटी मजिस्ट्रेट

पुलिस फोर्स के साथ में मौजूद था। जब नाके पर उन्हें रोका गया तो शरारती तत्वों ने शरारत कर दी। स्थिति संभालने के लिए आंसू गैस व लाठीचार्ज के आदेश दिए थे। मैं अंत तक मौके पर ही था। समझदारी से मौके पर काम लिया गया और स्थिति को संभाला गया।

- होशियार ¨सह

ड्यूटी मजिस्ट्रेट भूना।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.