एक्सटेंशन प्राध्यापकों को बदनाम करने का खेल न खेले सरकार : आर्य
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद: पिछले 7-8 सालों से शोषण की चक्की में पिस रहे एक्सटेंशन प्राध्यापकों को अस
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद: पिछले 7-8 सालों से शोषण की चक्की में पिस रहे एक्सटेंशन प्राध्यापकों को असल में सरकार कुछ नहीं देना चाहती। जब इनका दर्द व सरकार का अमानवीय चेहरा एक्सटेंशन प्राध्यापक के आंदोलन, विद्यार्थियों व अन्य संगठनों के सहयोग से जनता के सामने आया तो अपनी किरकिरी होने से बचने के लिए सरकार चालाकी भरा रास्ता अपनाने लगी है। यह बात हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के खंड सचिव सुमेर आर्य ने राजकीय महिला कालेज भोडियाखेड़ा में धरनारत प्राध्यापकों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने आंदोलन में अध्यापक संघ द्वारा पूर्ण समर्थन देने की बात कही। इसके अलावा अध्यापक संघ के राज्य महासचिव सीएन भारती, राजपाल मित्ताथल, रघुनाथ मेहता, सुरजीत दुसाद सहित अनेक अध्यापकों ने भी धरने में भाग लिया।
अध्यापक नेताओं ने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद भी इनके पूरा वेतन नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि सरकार ने न तो प्रति पीरियड मानदेय बढ़ाने की घोषणा की है और न ही यूजीसी के नियमों को लागू किया जा रहा है। सरकार 250 रुपये प्रति पीरियड के हिसाब से दिन में अधिकतम 4 पीरियडों का ही मानदेय दे रही है। वह भी सिर्फ कार्य दिवस का जबकि यूजीसी के अनुसार पहले 1 हजार रुपये प्रति पीरियड व अब सातवें वेतन आयोग के अनुसार 2 हजार रुपये प्रति पीरियड का मानदेय मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि 25 हजार रुपये की सीमा भी जब तक पत्र में न्यूनतम शब्द नहीं लगाया जाता, तब तक किसी को नहीं मिल सकती इसलिए सरकार 25 हजार रुपये अधिकतम की जगह 25 हजार रुपये न्यूनतम व बिना कार्य दिवसों को जोड़ते हुए सबको एक समान देने का पत्र जारी करे। साथ ही सेवा सुरक्षा की गारंटी करे ताकि किसी भी लेक्चरर को रिलीव होने का डर न हो। तभी वह बच्चों को संतुष्टि से पढ़ा पाएगा। बच्चों की खराब हो रही पढ़ाई की सारी जिम्मेवारी सरकार की है। 22 फरवरी को 4 बजे हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ द्वारा उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री को ज्ञापन दिया जाएगा। इस अवसर पर प्रैस सचिव नोरंग यादव, खंड सचिव सुमेर आर्य, राजेश गोठड़ा, सुशील सूरा आदि मौजूद रहे।