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विकास को तरस रहा वार्ड नंबर एक

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद: शहर के उत्तर दिशा में सन्यास आश्रम के साथ लगता एरिया वार्ड नंबर एक के रूप

By Edited By: Published: Thu, 05 May 2016 01:03 AM (IST)Updated: Thu, 05 May 2016 01:03 AM (IST)
विकास को तरस रहा वार्ड नंबर एक

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद: शहर के उत्तर दिशा में सन्यास आश्रम के साथ लगता एरिया वार्ड नंबर एक के रूप में जाना जाता है। यह वार्ड सिर्फ नाम का ही नंबर वन रहा है। समस्याओं की बात करें तो अनगिनत है। यूं तो नगर परिषद ने बजट के हिसाब से जितना संभव हुआ, उतना काम इस वार्ड में करवाया है। बीते दस साल में बहुत सारे सुधार भी हुए हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। लेकिन बहुत सारी समस्याएं आज भी हैं, जो स्थानीय लोगों के लिए मुद्दा है। अब यहां के लोगों का कहना है कि इस बार पार्षद चाहे कोई भी बने, वे इन समस्याओं का समाधान चाहते हैं। यदि दूसरे वार्डो से इसकी तुलना करें तो स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है। या कहें कि दूसरे इलाकों की तुलना में इसे पिछड़ा ही माना जाता है।

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ये है इस वार्ड की स्थिति

वार्ड नंबर एक की करीब तीन हजार आबादी है, जिनमें से 1900 वोटर हैं। शहर में वार्डो की संख्या बढ़ने के बाद मामूली बदलाव हुआ है। बाकी लगभग वही स्थिति है। यहां पर नहरी पानी की सप्लाई होती है, जबकि कुछ घरों में ट्यूवबेल का पानी भी सप्लाई होता है। वार्ड की काफी गलियां पक्की हैं और सीवरेज लाइन भी बिछी हुई है। स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था भी है। पिछले दो प्लान से गोपाल कृष्ण शर्मा यहां के पार्षद रहे हैं।

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ये है स्थानीय लोगों की समस्याएं

इस वार्ड को विकसित नहीं माना जाता। यहां पर सफाई व्यवस्था परेशान करती रहती है। इसके अलावा आवारा पशुओं व सूअरों का भी जमावड़ा लगा रहता है। स्थानीय लोगों की मानें तो पिछले दस साल में यहां विकास जरूर हुआ है, लेकिन समस्याएं खत्म नहीं हो पाईं। सीवरेज व्यवस्था खराब रहती है। नियमित रूप से सफाई न होने के कारण गंदगी के ढेर लगे रहते हैं। खुले पड़े मेन होल जैसी कई समस्याएं वार्डवासियों को परेशान करती हैं। सबसे बड़ी समस्या बारिश होने के बाद होती है। बारिश का पानी गलियों में ठहर जाता है। पानी की निकासी न होने के कारण मच्छरों की समस्या गंभीर हो जाती है। बरसाती दिनों में पानी निकासी न होने की वजह से उनकी गलियां तालाब का रूप ले लेती हैं, जिससे यहां रह रहे लोगों का गली से गुजरना मुश्किल हो जाता है। कुछ प्लाट भी खाली पड़े हैं, जहां पर लोग कूड़ा आदि डालते हैं। इसके अलावा आवारा पशु बड़ी समस्या है। रात के समय पशु गलियों में खड़े रहते हैं, जिससे गुजरना मुश्किल हो जाता है।

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पिछड़ापन कम हुआ, दूर नहीं: पूर्व पार्षद

वार्ड एक के पूर्व पार्षद गोपाल कृष्ण शर्मा का कहना है कि उनके वार्ड का पिछड़ापन कम हो गया, लेकिन दूर नहीं हुआ। दरअसल, यह इलाका बहुत ही बदसूरत था। पिछले दस साल में खूब सुधार हुए हैं। हालांकि ये नहीं कह सकते है कि इस वार्ड की अभी कोई जरूरत नहीं है। काफी काम है, जो अभी बाकी पड़े हैं। हम चाहते हैं कि अगले प्लान में तमाम कार्य सिरे चढ़ें।


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