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..आखिर कहां गई हेमोफिलिया टीकों की पेटी

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : नागरिक अस्पताल में बीते दिनों हेमोफिलिया टीकों से भरी पेटी गायब हो गई

By Edited By: Published: Tue, 16 Feb 2016 11:16 PM (IST)Updated: Tue, 16 Feb 2016 11:16 PM (IST)
..आखिर कहां गई हेमोफिलिया टीकों की पेटी

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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नागरिक अस्पताल में बीते दिनों हेमोफिलिया टीकों से भरी पेटी गायब हो गई है। जिसमें सौ टीकें रखे थे।

इसको खोजने के लिए अस्पताल प्रशासन लगा हुआ है। इस मामले में अस्पताल के कर्मचारियों को भी शक के घेर में लिया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार 8 फरवरी को अस्पताल में हेमोफिलिया के टीके आए थे। स्टॉक को स्टोर रूम में रखवा दिया गया। जब अगले दिन पेटियों को संभाला गया तो उसमें से एक इंजेक्शन की पेटी गायब थी। पेटी न मिलने पर मामले की सूचना एसएमओ ओपी दहमीवाल को मिलते ही मौके पर पहुंचे। उन्होंने पेटी को कमरे व अन्य जगह पर खोजने के आदेश दिये, लेकिन पेटी का कोई पता नहीं लगा।

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सीसीटीवी कैमरे को खंगाला गया

इंजेक्शन की पेटी गायब होने के बाद अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगाला गया। बताया जा रहा है कि फुटेज में अस्पताल के दो - तीन कर्मचारी आते जाते दिख रहे हैं। पेटी गायब मामले में अस्पताल के किसी कर्मचारी का शामिल होना भी माना जा रहा है। जिन कर्मचारियों ने पेटियां उतरवाई व देखरेख का जिम्मा दिया गया था। उन कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। अस्पताल से इंजेक्शन की पेटी गायब होना चिकित्सकों व कर्मचारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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मामले को दबाने का प्रयास

अस्पताल से टीके की पेटी गायब होने के मामले को अस्पताल प्रशासन दबाने का प्रयास कर रहा है। बताया जाता है कि इसकी कीमत करीब ढाई लाख रूपये की है यानि एक टीके की कीमत ढाई हजार रूपये है। यह टीका सिर्फ सरकारी अस्पताल में हेमोफिलिया पीड़ित मरीजों को बीपीएल कार्ड वाले मरीजों को फ्री लगाया जाता है। निजी अस्पतालों में यह टीका काफी महंगा बताया जा रहा है।

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क्या है हेमोफिलिया

हेमोफीलिया एक ऐसी आनुवंशिक बीमारी है, जिसके कारण शरीर में चोट लगने पर रक्त का बहना बंद नही होता। वह असामान्य रूप से बहता रहता है।

यह बीमारी जानलेवा भी हो सकती है। डिप्टी सिविल सर्जन सुजाता बंसल के अनुसार इस रोग का कारण रक्त में प्रोटीन की कमी होती है जिसे 'क्लॉ¨टग फैक्टर' कहा जाता है। भारत में इस रोग से पीड़ित रोगियों की संख्या कम है। इससे रोगी की मृत्यु भी हो सकती है।

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अस्पताल से हेमोफिलिया टीके की पेटी गायब होने का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। इस बारे में एसएमओ से बातचीत करेंगे। वह इस मामले की जांच करेंगे। अगर इंजेक्शन की पेटी नहीं मिलती है तो मामले की शिकायत पुलिस को दी जाएगी। अगर जांच में किसी कर्मचारी की लापरवाही मिलती है तो उसके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. अशोक चौधरी, सिविल सर्जन।


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